“स्वजनों का कहना है कि छुट्टी नहीं मिलने और विभागीय अधिकारियों की प्रताडऩा के कारण पुलिस एएसआई अरुण कुमार ने ऐसा कदम उठाया है…”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार के औरंगाबाद जिले के दाउदनगर थाने में तैनात एएसआइ अरुण कुमार ने थाना परिसर स्थित अपने आवास में फांसी लगा खुदकशी कर ली है। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल और दाउदनगर एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने घटनास्थल पहुंचकर जांच की। लेकिन आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
एएसआइ अरुण कुमार करीब एक वर्ष पहले माली थाने से स्थानांतरित होकर दाउदनगर आए थे। वे मूलत: लखीसराय जिले के पीड़ी बाजार थाना क्षेत्र के अभयपुर गांव के निवासी थे। गुरुवार को उन्होंने ड्यूटी की और दोपहर बाद कमरे में चले गए। कोई उन्हें बुलाने गया तो उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।
काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर सहकर्मियों ने रात में खिड़की तोड़ देखा तो वह फंदे से लटकते मिले। रात में ही स्वजनों को सूचना दी गई। शुक्रवार सुबह स्वजन थाने पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा है। शव के साथ थानाध्यक्ष दिनेश कुमार महतो व स्वजन गए थे।
सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले दो मछली विक्रेताओं ने पुलिस के जवानों व क्यूआरटी टीम पर मछली छीनने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में विक्रेताओं ने आवेदन देकर किसी घटना से इन्कार कर दिया था।
जमादार अरुण कुमार सिपाही से प्रोन्नत होकर जमादार बने थे। वे अपने दारोगा पिता देवेंद्रनाथ मंडल की आकस्मिक मौत के बाद अनुकंपा पर बहाल हुए थे। उनके पिता की मौत वर्ष 1997 में हुई थी।
अरुण की बहाली 1999 में सिपाही पद पर हुई थी। सात माह पहले उनकी दाउदनगर थाने में पोस्टिंग हुई थी। थाने के पुलिसकर्मियों के अनुसार अरुण हिम्मत वाले अधिकारी थे। कभी किसी से विवाद नहीं करते थे। जहां जिस ड्यूटी पर लगा दिया जाता था।