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अब 1.62 लाख हेडमास्टरों को जल्द न्यू लेटेस्ट टैबलेट देगी बिहार सरकार

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार सरकार राज्य के सरकारी स्कूलों में डिजिटल बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही हैं। प्रदेश के लगभग 1.62 लाख हेडमास्टरों को जल्द ही उच्च गुणवत्ता वाले टैबलेट प्रदान किए जाएंगे।

इनकी सहायता से विद्यालयी कार्यों में गति आएगी और शिक्षा प्रशासन में सुधार होगा। इस परियोजना के तहत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPC) ने 1,61,138 टैबलेट खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी हैं।

टैबलेट के तकनीकी स्पेसिफिकेशन और सुविधाएं: प्रत्येक टैबलेट 4GB या उससे अधिक की रैम के साथ आएगा, जबकि इंटरनल स्टोरेज क्षमता 64GB से अधिक होगी। प्राथमिक कैमरा 8 मेगापिक्सल और फ्रंट कैमरा 2 मेगापिक्सल का होगा।

इससे यह सुनिश्चित हो सके कि आवश्यक दस्तावेज़ या शिक्षण सामग्री अच्छी क्वालिटी में स्कैन या रिकॉर्ड हो सके। 5000एमएचए की बैटरी के साथ यह टैबलेट हेडमास्टरों को लंबे समय तक बिना रुकावट के काम करने की सुविधा देगा।

इस टैबलेट में बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा विकसित ई-शिक्षाकोष समेत सभी विभागीय एप पहले से इंस्टॉल किए जाएंगे, जो स्कूलों की उपस्थिति, रिकॉर्ड प्रबंधन और अन्य विभागीय कार्यों के लिए आवश्यक होंगे। टैबलेट के सॉफ़्टवेयर को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया हैं कि किसी भी नए अपडेट की आवश्यकता पड़ने पर उसे स्वचालित रूप से अपडेट किया जा सकेगा।

सुरक्षा और विशिष्टता: प्रत्येक टैबलेट की स्क्रीन पर शिक्षा विभाग का आधिकारिक लोगो प्रदर्शित रहेगा और इसे विभाग द्वारा विशेष रूप से संरक्षित किया गया हैं। ताकि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति विभागीय एप को हटाने या अनइंस्टॉल करने में असमर्थ रहे। इससे विभागीय डेटा की सुरक्षा और प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी।

टेंडर और सैंपल प्रक्रिया: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने इस महीने टैबलेट आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की हैं। सभी इच्छुक एजेंसियों को 30 अक्टूबर तक अपने टेंडर, हार्ड कॉपी और टैबलेट का सैंपल जमा करने का निर्देश दिया गया हैं।

टेंडर की टेक्निकल बीड शाम 4 बजे के बाद खोली जाएगी। जबकि फाइनेंशियल बीड खोलने की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। बीईपीसी के प्रशासनिक पदाधिकारी शाहजहां ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस परियोजना से स्कूलों के कामकाज में डिजिटलीकरण का व्यापक लाभ मिलेगा।

प्रभाव और भविष्य की योजना: इस कदम से सरकारी स्कूलों में कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, शिक्षकों की हाजिरी में सुधार होगा, और प्रशासनिक कार्यों का संचालन सुगम होगा। टैबलेट के माध्यम से छात्रों के अभिलेख, उपस्थिति रिकॉर्ड और शैक्षणिक कार्यों को डिजिटल रूप में संकलित करने में मदद मिलेगी।

बिहार सरकार का यह प्रयास शिक्षा प्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा करता हैं। जिससे राज्य के सरकारी विद्यालयों का शैक्षिक माहौल अधिक व्यवस्थित और तकनीकी रूप से सक्षम बनेगा।

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