देश

अब भारत में ही होगा सेनाओं के लिए कार्बाइन का निर्माण

INR (PBNS).  अब सेनाओं के लिए कार्बाइन का निर्माण भारत में ही ‘मेक इन इंडिया’ प्रोग्राम के तहत किया जायेगा। इसके लिए यूएई की कंपनी काराकल ने भारत में ही क्लोज क्वार्टर कार्बाइन का निर्माण करने की पेशकश की है।

अब इस शर्त पर भारत सशस्त्र बलों के लिए पांच माह पहले रद्द किये गए सौदे को फिर से जिन्दा करके 93,895 कार्बाइन खरीदने के लिए तैयार है। इसके लिए नए सिरे से फास्ट ट्रैक खरीद के लिए रिक्वेस्ट फॉर इन्फोर्मेशन (आरएफआई) भी जारी किया गया है।

गौरतलब हो सितम्बर, 2020 में यूएई की हथियार निर्माता कंपनी काराकल से आयात अनुबंधों को अंतिम चरण में यह कहते हुए रद्द कर दिया गया था।

2018 में शुरू की गई थी कार्बाइन खरीदने की प्रक्रिया
भारतीय सेनाओं की जरूरतों को देखते हुए कार्बाइन खरीदने के लिए 2018 में प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें यूएई की हथियार निर्माता कंपनी काराकल को सेना के लिए 93,895 क्लोज क्वार्टर कार्बाइन की आपूर्ति के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस कंपनी ने फास्ट ट्रैक खरीद के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। यह सौदा लगभग आखिरी चरण में था लेकिन इसी बीच रक्षा मंत्रालय ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए हथियारों के आयात पर प्रतिबन्ध लगा दिया।

रक्षा खरीद बोर्ड के प्रमुख रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में सितम्बर में हुई बैठक में यह सौदा रद्द कर दिया गया।

इसी बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब सौदे को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पूरा किया जाएगा।

यूएई की कंपनी काराकल भारत में ही करना चाहती है क्लोज क्वार्टर कार्बाइन का निर्माण
इस सौदे को रद्द करने के पीछे तर्क दिया गया था कि यूएई की यह कार्बाइन यूएस निर्मित सिग-716 असाल्ट राइफलों की तुलना में महंगी थी। दूसरे कारण में रक्षा मंत्रालय का कहना था कि कार्बाइन का कोई भी हिस्सा स्वदेशी रूप से निर्मित नहीं किया जा रहा था।

कार्बाइन का सौदा अंतिम चरण में रद्द होने के बाद यूएई की कंपनी काराकल ने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के हिस्से के रूप में सभी राइफलों को देश में बनाने की पेशकश की थी। पहले की तरह सेना अभी भी 5.56×45 मिमी कारतूस के लिए नया कार्बाइन चैम्बर चाहती है।

इसलिए भारत की अडानी डिफेंस समेत यूएई की काराकल, इटली की बेरेटा, अमेरिकी सिग सउर, फ्रांस की थलेस हथियार निर्माता कंपनियों के लिए नए सिरे से रिक्वेस्ट फॉर इन्फोर्मेशन (आरएफआई) जारी किए गए हैं।

भारतीय सेना का ताजा अनुरोध पत्र 2018 में जारी किये गए आरएफआई से सरल
भारतीय सेना का ताजा अनुरोध पत्र 2018 में जारी किये गए तीन पेज के आरएफआई की तुलना में इस बार केवल एक पृष्ठ का कहीं अधिक सरल है।

आरएफआई के मुताबिक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के एक वर्ष के भीतर हथियारों की खरीद करना है। इस सौदे का आकार अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन अगर काराकल की 2018 की बोली से अनुमान लगाया जाए तो यह सौदा 800 करोड़ रुपये से अधिक का होगा।

खरीदी जाने वाली 93,895 कार्बाइन में से वायुसेना के लिए 3,400 और नेवी के लिए 1,200 और बाकी थल सेना के लिए होंगी।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker