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शिक्षाकर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी व समयबद्ध बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम उन परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो अपनों की असमय मौत के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन क्या समय सीमा पार हो जाने पर आवेदन स्वीकार होगा? या आयु सीमा से अधिक होने पर छूट मिलेगी? इन सवालों का जवाब अब स्पष्ट हो गया है, जो जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को लंबे समय से परेशान कर रहा था।

बिहार राज्य विद्यालय लिपिक (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली 2025 और बिहार राज्य विद्यालय परिचारी (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली, 2025 के तहत यह व्यवस्था लागू की गई है। इन नियमावलियों के अनुसार  सेवाकाल में मृत शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी के आश्रित को विद्यालय लिपिक या परिचारी के रिक्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए सभी जिलों को निर्देश दिए हैं। ताकि पात्र परिवारों को समय पर लाभ मिल सके।

हालांकि कई जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों ने दो प्रमुख मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा था। पहला- अगर मृत कर्मचारी के आश्रित ने मौत की तारीख से पांच साल के अंदर आवेदन नहीं दिया तो क्या उस पर विचार किया जा सकता है? दूसरा अगर आश्रित की उम्र सामान्य नियुक्ति की कोटिवार अधिकतम आयु सीमा से ज्यादा है तो क्या छूट दी जा सकती है?

शिक्षा विभाग ने इन सवालों का जवाब सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक-16100, दिनांक-23.08.2023 के आधार पर दिया है। इस पत्र की कंडिका 7 (जो सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक-2822, दिनांक-27.04.1995 के नियम-06 पर आधारित है) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन जमा करने की समय सीमा मृत सरकारी सेवक की मौत की तारीख से सिर्फ पांच साल तक ही रहेगी। अगर इस अवधि में आवेदन नहीं आता, तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा। यह नियम परिवारों को जल्दी कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है, ताकि प्रक्रिया में देरी न हो और पात्रता बनी रहे।

दूसरे मुद्दे पर पत्र की कंडिका 17 (सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक-8093, दिनांक-25.07.1998 के नियम-03 पर आधारित) में बिहार सेवा संहिता के नियम 54 के परिशिष्ट-1 का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि विशेष परिस्थितियों में विभागाध्यक्ष या कार्याध्यक्ष को अधिकतम आयु सीमा में छूट देने का अधिकार है। यह प्रावधान अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में भी लागू होगा, लेकिन शर्त यह है कि आवेदन समय सीमा के अंदर जमा किया गया हो। बिहार सेवा संहिता के परिशिष्ट-3 के तहत प्रमंडलों के आयुक्त को इस तरह की छूट देने के लिए सक्षम प्राधिकार माना गया है।

यह दिशानिर्देश 2 जुलाई 2025 से प्रभावी हैं और सभी संबंधित पदों- विद्यालय लिपिक एवं परिचारी- पर लागू होंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि उन परिवारों को न्याय दिलाएगा जो दुख की घड़ी में सरकारी सहायता की उम्मीद रखते हैं। पिछले कुछ महीनों में कई जिलों से ऐसे मामले सामने आए थे जहां समय सीमा या आयु के कारण फाइलें अटकी हुई थीं। अब इन दिशानिर्देशों से प्रक्रिया सुगम हो जाएगी।

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