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    Saturday, November 23, 2024
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      नालंदा के इस स्कूल में पानी बिना महीनों से नहीं बन रहा है मीड डे मील

      “प्रधानाध्यापिका के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी रामा विगहा विद्यालय का चापाकल मरम्मत  नहीं किया जा रहा है । यह बच्चों के साथ खिलवाड़ है । उस स्कूल के बच्चे मीड डे मील योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं और बीच में पढ़ाई छोड़ कर घर पानी पीने जाने के लिए मजबूर हैं।” 

      नालंदा (राम विलास)। महीनों से चापाकल खराब रहने के कारण मीड डे मील नहीं  बन रहा है।  बच्चे पानी पीने के लिए पढ़ाई छोड़ कर घर जाने के लिए मजबूर है।  यह हाल है नालंदा जिलान्तर्गत बेन प्रखण्ड के अकौना पंचायत के प्राथमिक विद्यालय रामा विगहा की। 

      water school 1इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी,   जिला परिषद सदस्य चंद्रकला कुमारी और युवा राजद  नेता अनिल कुमार ने लोक स्वास्थ्य अवर प्रमंडल राजगीर से  छात्र हित और जनहित में चापाकल बनाने की गुहार  लगाई है। ताकि बच्चों को बीच में पढाई छोड़कर पानी पीने के लिए घर न जाना पड़े। और पहले की तरह स्कूल में मीड-डे- मील बन सके।  लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है ।

      मिली जानकारी के अनुसार इस स्कूल में एक चापाकल है।  उसका हालत बुरा है।  वह महीनों से खराब है।  असामाजिक तत्वों ने चापाकल के हेड को भी तोड़फोड़ कर  चुरा लिया है। स्कूल में पेयजल का गंभीर संकट है । पानी  के बिना स्कूल में  मीड डे मील नहीं  बना रहा है । 

      विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी के अनुसार इस विद्यालय में कुल 4 कमरे, एक किचन एवं एक शौचालय है । शौचालय की हालत  जीर्ण-शीर्ण  है। शौचालय कार्यरत नहीं है। ग्रामीण उसके किबाड़ को तोड़-फोड़ कर उखाड़ ले गए हैं। और सीट को असामाजिक तत्वों ने मिट्टी से भरी दिया है । इस स्कूल में 90 बच्चे नामांकित हैं ।

      जिला परिषद सदस्य चंद्रकला कुमारी और युवा राजद नेता अनिल कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापिका के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी रामा विगहा विद्यालय का चापाकल मरम्मत  नहीं किया जा रहा है । यह बच्चों के साथ खिलवाड़ है । उस स्कूल के बच्चे मीड डे मील योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं और बीच में पढ़ाई छोड़ कर घर पानी पीने जाने के लिए मजबूर हैं । 

      पीएचईडी के सहायक अभियंता राजगीर से मिलकर चंद्रकला कुमारी और अनिल कुमार ने  छात्रों एवं जनहित में शीघ्र चापाकल बनवाने की मांग की है।

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