देशबिग ब्रेकिंगबिहारराजनीति

सीएम नीतीश की शराबबंदी समीक्षा बैठक पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी का बड़ा हमला

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क)। शराबबंदी मामले में सीएम नीतीश कुमार की ओर से और सख्त कदम उठाने और दोषियों को कड़ी सजा देने को लेकर हो रही समीक्षा बैठक पर सवाल खड़े करते हुए प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव हमलावर हो गये हैं।

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से शराबबंदी मामले में कुछ ज्वलंत सवाल उठाते हुए सीएम से मांग की है कि वें उनके प्रश्नों का समीक्षा बैठक से पहले उतर देने की कोशिश करेंगे या फिर बैठक में मेरी बातों पर गौर करेंगे। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो फिर यह विशुद्ध नौटंकी होगी।

प्रतिपक्ष नेता ने सीएम से पूछा है कि वो शराबबंदी पर आज कौन से नंबर की समीक्षा बैठक कर रहे है? क्या यह 1100वीं समीक्षा बैठक है?  विगत 6 वर्ष में शराबबंदी पर की गयी पूर्व की हज़ारों समीक्षा बैठकों का क्या परिणाम निकला? अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिले तो यह प्रशासन की नहीं, सरासर मुख्यमंत्री की घोर विफलता है?

तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री शराबबंदी के नाम पर लाखों ग़रीबों-दलितों को जेल में डाल चुके है, लेकिन वो बताएँ कि अब तक उन्होंने शराब की पूर्ति करने वाले कितने माफिया, कारोबारी, तस्करों और अधिकारियों को जेल भिजवाया है? अगर नहीं तो क्यों? क्या यह क़ानून गरीब पर ही लागू होता है? नीतीश सरकार शराब माफिया के साथ मिलीभगत के चलते न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती जिससे एक-आध माफिया जो पकड़ाया जाता है, उसे बरी होने में आसानी होती है।

उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री अगर शराबबंदी को लेकर गंभीर है तो वो बताएँ शराबबंदी के कितने मामलों में हारने के बाद बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील की है? उन्होंने कहा मुख्यमंत्री  बताएँ शराबबंदी के नाम पर आज तक कितने डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी बर्खास्त हुए है? क्या शीर्ष पुलिस अधिकारी शराबबंदी के प्रति जवाबदेह नहीं है? जबकि शराबबंदी की धज्जियां उड़ानें में उनकी भी भूमिका रही है।

प्रतिपक्ष नेता ने सवाल उठाया है कि शराबबंदी के नाम पर  सिर्फ़ सिपाहियों को ही क्यों निलंबित करते है? निलंबित करने बाद उन्हीं 80% सिपाहियों को दुबारा बहाल क्यों करते है? अगर उन अधिकांश सिपाहियों की कोई गलती नहीं होती तो फिर आप उनके निलंबन का नाटक क्यों रचते है? क्या इसलिए कि शीर्ष अधिकारी बच जाए और सिपाहियों को निलंबित कर कुछ समय तक मामला ठंडा कर दिया जाए?

प्रतिपक्ष नेता ने सीएम से तीखे सवाल करते हुए पूछा है  शपथ लेने वाले अधिकांश पुलिसकर्मी और जेडीयू नेता शराब क्यों पीते है? शराबबंदी की लेकर गंभीर हैं तो हमारे द्वारा सदन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद मंत्री रामसूरत राय और उनके भाई के ख़िलाफ कारवाई करने में आपके हाथ क्यों काँप गए?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम शराबबंदी में सहयोग करते है, साक्ष्य प्रस्तुत करते है तो आप कारवाई करने की बजाय सदन में बैठे-बैठे मास्क के अंदर मुस्कुराते है। आपके लिए शराबबंदी नहीं कुर्सी महत्वपूर्ण है, है कि नहीं?

आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष के करीबी, जेडीयू के वरिष्ठ नेतागण, सीतामढ़ी के उपाध्यक्ष, नालंदा के प्रखंड अध्यक्ष, सहित श्याम बहादुर सिंह जैसे अनेक विधायकों और आपके करीबी नेताओं के हमने साक्ष्य और वीडियो आपके सामने रखे। जनता को प्रवचन देने से पूर्व आप यह बताए उनके विरुद्ध आपने क्या कारवाई की? कई ईमानदार अधिकारियों द्वारा आपके नेताओं के विरुद्ध कारवाई करने पर आपने उन अधिकारियों को ही हटा दिया। यही आपकी शराबबंदी को लेकर प्रतिबद्दता है।

आप विपक्ष के किसी भी सकारात्मक फ़ीड्बैक, सुझाव और ज़मीनी हक़ीक़त को हमेशा राजनीतिक चश्मे से देखते है इसलिए हर बात में आपको राजनीति ही नज़र आती है। हमारी नहीं तो अहंकार त्याग कम से कम अपने वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माँझी  और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक सांसद जो इसकी ख़ामियाँ गिनाते है, उन पर तो गौर कर लीजिए।

प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 15 दिन‌ में विभिन्न जिलों में जहरीली शराब पीने से 65 मौतों का जिम्मेदार कौन है? वह शराब माफिया जिसकी वजह से अनेक मौतें हो जाती है, वह आपके बेडरूम तक कैसे पहुँचता है? उसके चुनाव जीतने पर आपकी पूरी पार्टी उसे बधाई देने पहुँचती है? यह संबंध क्या कहलाता है?

शराबबंदी के बावजूद प्रदेश की सीमा के अलावा 4-5 जिलों की सीमा पार कर करोड़ों लीटर शराब गंतव्य स्थल तक कैसे पहुँचती है? क्या आपके कथन अनुसार शासन-प्रशासन में सिवाय आपको छोड़ “सब लोग ही गड़बड़” है?  अगर बिहार में कथित लाखों लीटर शराब ज़ब्त हुई है, तो वह प्रदेश के अंदर कब, कैसे और क्यों पहुँची? इसमें किसका दोष है? यह किसकी विफलता है? अगर सरकार में बैठे माफिया, तस्कर, सत्तारूढ़ नेता और अधिकारी बिहार में प्रति माह करोड़ों लीटर शराब की पूर्ति नहीं कराते तो क्या अदृश्य “सुशासनी भूत” यह सप्लाई करता-कराता है?

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि समीक्षा बैठक से पूर्व आपको गहन आत्म चिंतन, मनन और मंथन की ज़रूरत है। तब तक आप स्वयं की तथा खुलेमन से शासन- प्रशासन की ग़लतियाँ स्वीकार नहीं करेंगे तब तक ये बैठके एवं शराबबंदी अन्य दिनों की भाँति सामान्य रूप से चलती रहेगी और इनका कोई अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आएगा।

 

 

Related Articles

Back to top button
Ashoka Pillar of Vaishali, A symbol of Bihar’s glory Hot pose of actress Kangana Ranaut The beautiful historical Golghar of Patna These 5 science museums must be shown to children once