“यह राजनीति केवल नगर निगम तक नहीं रही, बल्कि से की सूबे के मिनिस्टर से लेकर सत्ताधारी दल के कई नेताओं के पास पहुंच गई । इन नेताओं ने क्या वायदे किए हैं इसका भी खुलासा नहीं हुआ है…….”
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। राजगीर के बाद अब बिहार शरीफ नगर निगम की सियासत में भूचाल आने वाला है , हालांकि इस बात का पूरी तरह खुलासा नहीं हुआ है कि आगे क्या होगा।
लेकिन सूत्र बताते हैं कि मेयर की कुर्सी तो सुरक्षित है मगर डिप्टी मेयर की कुर्सी को हिलाने की फ़िराक में लोग लग गए हैं। अब ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो वक्त बताएगा। अविश्वास प्रस्ताव के हलचल के बाद हॉर्स ट्रेडिंग का बाजार गर्म हो गया है।
हाल के दिनों में शहर के एक स्कूल में इफ्तार पार्टी के दौरान इस सियासी रंग का गुल खिला, जिसमें मेयर पति से लेकर कई वार्ड पार्षद और पूर्व डिप्टी मेयर एक साथ दिखे और वहीं से इसका मंथन और तोड़ जोड़ की राजनीति शुरू हुई।
यह राजनीति केवल नगर निगम तक नहीं रही बल्कि से की सूबे के मिनिस्टर से लेकर सत्ताधारी दल के कई नेताओं के पास पहुंच गई। इन नेताओं ने क्या वायदे किए हैं इसका भी खुलासा नहीं हुआ है।
मगर जिस तरह की हलचल दिखाई दे रही है उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं सत्ताधारी दल के लोगो भी इसमें अपनी रूचि दिखा रहे हैं।
हालांकि इस बाबत हमने कई वार्ड पार्षदों से इस सियासी हलचल के बारे में जानकारी ली उन लोगो ने भी दबी जुबान से हमारी खबर पर मुहर लगा दी। मुहर नहीं कैसे लगेगी अब तो वार्ड पार्षदों की बल्ले बल्ले होने वाली है।
हो सकता है वार्ड पार्षदों को तोहफे के साथ साथ हिल स्टेशन की सैर कराई जाए और पांच सितारा होटल में आराम फरमाने का उन्हे मौका दिया जाए। बिहार शरीफ नगर निगम के पहली बोर्ड के गठन से सियासत शुरू हुई।
पांच वार्ड पार्षदों को अपहरण के केस में फंसा कर उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे लोग मेयर और डिपुटी मेयर के चुनाव में हरदेव भवन वोट डालने जा रहे थे।
नगर निगम के शाह मात के इस खेल में कई किंग मेकर आये जिनमे विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद ने अपनी भूमिका अदा की और इन लोगो को सफलता भी मिली।
इस बार के इस शाह मात के खेल में रूमी खान के नाम की चर्चा है। चुकि सियासी इफ्तार पार्टी इन्ही के द्वारा आयोजित की गयी थी।
बहरहाल, मामला चाहे जो भी हमेशा सुर्खियों में रहने वाला बिहार शरीफ नगर निगम इस बार फिर सुर्खियों में है।