कतरीसराय, नालंदा (संवाददाता)। वैद्यों कि नगरी कहलाने वाले कतरीसराय की रौनक वापस लाने के लिए स्थानीय वैद्यों ने नालंदा पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष से मिले तथा लिखित आवेदन देकर अपनी समस्याओं से आवगत कराया तो एसपी नालंदा के विशेष निर्देश पर राजगीर डीएसपी संजय कुमार ने शनिवार को स्थानीय थाने के प्रांगण में वैद्यों के साथ एक सामूहिक बैठक आयोजित करवाया तथा समस्याओं को सुनी।
वैद्यों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए तेतालिस वैद्यों की सूची डीएसपी को सौंपी। वैद्यों ने बताया कि हम लोग डाक के माध्यम से रोगियों का ईलाज करते है। हमलोग अन्य फर्जी बाड़ा के धंधे से दुर रहते है।
इस पर डीएसपी ने वैद्यों को स्पष्ट रूप से कहा कि आप लोग सभी तेंतालीस वैद्य अपना अपना वैद्य का प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेजों को शपथपत्र के साथ अपने नाम से जारी मोबाइल नंबर जमा करें तथा सूची में शामिल वैद्यों की कमिटी के सचिव अध्यक्ष का नाम व सामूहिक शपथ पत्र तथा लिखित आवेदन देकर किसी प्रकार की फर्जी बाड़ा नहीं करने का प्रमाण दे। वहीं अपने कार्यालय के बाहर बड़ा बोर्ड में वैद्य का नाम पता व निजी मोबाइल नंबर लगा होना चाहिए।
डीएसपी ने कहा कि एक वैद्य के यहां पांच मजदूर व एक महिना में तीन सौ पार्सल बुकिंग करेगें। इससे अधिक रहने पर कुटीर उद्योग की चलाने का आरोप लग सकता है। साथ ही सभी पार्सल पर वैद्य का नाम पुरा पता निजी मोबाइल नंबर जरूर अंकित रहना चाहिए। वहीं दवा भेजे गए रोगियों कि रोग विवरण नाम पता व मोबाइल नंबर अंकित होना चाहिए। जिससे पुलिस कभी भी सम्पर्क कर सकता है। अन्य किसी प्रकार के फर्जी बाड़ा के जानकारी होने पर सीसीए एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।
इन बातों की पुष्टि के लिए पुछने पर डीएसपी ने बताया कि सभी वैद्यों का प्रमाण पत्र जमा होने के बाद इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी की टीम बना कर जाँच कि जाएगी। उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जायेगी।
इस मौके पर इंस्पेक्टर सुनिल कुमार सिंह, गिरीयक थानाध्यक्ष नन्दकिशोर सिंह, कतरीसराय थानाध्यक्ष आलोक कुमार, पावापुरी थानाध्यक्ष राजेश कुमार सहित सभी तेतालिस वैद्य उपस्थित थे।