रांची (INR)। पिछले दिनों सरेंडर करने वाले कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को लेकर रघुवर सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तो हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा है। वहीं एक छात्र द्वारा पीएम को इस बाबत लिखे खत पीएमओ ने कड़ा संज्ञान लिया है।
हजारीबाग के रहनेवाले लॉ स्टूडेंट संजय मेहता ने सरेंडर पॉलिसी के तहत पाहन को 15 लाख रुपये दिए जाने को लेकर प्राइम मिनिस्टर ऑफिस को पत्र भेजा है। इस खत पर पीएमओ ने संज्ञान लिया है।
सरेंडर पॉलिसी के ‘नई दिशा’ पर सवाल
पाहन के सरेंडर के ठीक दो दिन के बाद पीएमओ को भेजे गए पत्र में संजय मेहता ने सरकार की सरेंडर पॉलिसी ‘नई दिशा’ पर सवाल खड़ा किया गया है।
पत्र में नक्सली कुंदन पाहन को 15 लाख का चेक दिए जाने की निंदा की गई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में पहल करने का अनुरोध किया गया है।
डिपार्टमेंट ऑफ लीगल अफेयर द्वारा हो रही कार्रवाई
संजय के पत्र पर कार्रवाई भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ लीगल अफेयर द्वारा की जा रही है। विभाग के उप सचिव जीएस यादव को कार्रवाई का जिम्मा सौंपा गया है। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वो इस मामले में पहल करें नहीं तो राज्य के हालात भयावह होंगे।
झारखंड हाई कोर्ट में रखना है पक्ष
हाईकोर्ट ने सरेंडर पॉलिसी और कुंदन के सरेंडर के मामले में सरकार से पक्ष रखने को कहा है। इसके लिए सरकार को पहले एफिडेविट के रूप में अपना जवाब दाखिल करना होगा।
कोर्ट ने अनुच्छेद 226 के तहत मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की गुजारिश की गयी थी, लेकिन एचसी ऐसा करने से इंकार कर दिया।