“बात चाहे किसी भी स्तर की हो। जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय समस्याएं गिनाकर कर अपनी डफली बजाते हैं और चुनाव जीतने के लिये हर एक समस्या का निदान का वादा करते हैं। लेकिन जैसे ही वे चुनावी बाजी मार जाते हैं, उनके सारे वादे धूल जाते हैं और स्वार्थ हित से उपर नहीं उठ पाते।”
बिहारशरीफ (राजीव रंजन)। कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब हालत बिहारशरीफ नगर निगम के वार्ड संख्या 36 की है, जहां से वार्ड सदस्य कपिल देव प्रसाद हैं।
इनके द्वारा हद तो यह हो गई कि निगम के द्वारा जो मजदूर वार्ड में साफ सफाई के लिए दिए जाते हैं वह इनके घर में व्यक्तिगत कार्य करते हैं।
वार्ड के जनता से प्राप्त जानकारी के अनुसार खबर है कि निगम के द्वारा जो भी मजदूर एवं नगर निगम के द्वारा आवंटित ठेला जो वार्ड में आते हैं, वार्ड नंबर 36 के वार्ड कमिश्नर के द्वारा उन मजदूरों का प्रयोग निजी ठेकेदारी में कराया जाता है और यह कार्य कई वर्षों से लगातार जारी है।
वार्ड की जनता बताते हैं कि इसकी शिकायत पदाधिकारियों से भी की जा चुकी है, मगर कहीं से कोई असर आज तक नहीं दिखा।
सवाल उठता है कि बेचारा जनता आखिर किस आधार पर अपने जनप्रतिनिधियों का चुनाव करें,जिससे कि उनका विकास संभव हो सके।
निजी ठेकेदारी में काम कर रहे मजदूरों से जब बातचीत की जाती है तो वीडियो में साफ कहता है कि वार्ड कमिश्नर का इज्जत करता है, जो कहेगें, सो करना ही न पड़ेगा।