रांची। झामुमो विधायक साइमन मरांडी ने कहा है कि संथाल में डायवोर्स की परंपरा काफी बढ़ने लगी है। लोग शादी करके अपने पत्नि को छोड़ देते हैं। ऐसे में जिसे चुंबन प्रतियोगिता का होना सही है। इसके लिये आयोजक को धन्यवाद देना चाहिए। इस तरह के आयोजन से पति-पत्नि के बीच प्रगाढ़ प्रेम संबंध बढ़ेगा।
साइमन मरांडी ने कहा कि जो भी आयोजन हुआ है उसमें कोई खराबी नहीं है। क्योंकि इस तरह का चुंबन प्रतियोगिता पति-पत्नि के बीच में ही हुआ है। इसे पोजिटिव लेना चाहिए। हर बात को नकारात्मक बात के तौर पर नहीं दिखता है।
आदिवासियों की झीझक होगी दूर
मरांडी ने कहा कि चुंबन प्रतियोगिता पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। बल्कि सरकार के नुमाइंदे ही बेतुकी बातें बोल रहे हैं। आज के दौर में देखा जाये तो आदिवासी को किसी बड़े लोगों के समक्ष खड़ा करा देने से वह ढंग से बोल नहीं पाता है। ऐसे आयोजन से उनकी झीझक मिटेगी और वह खुलकर समाज की गतिविधि में हिस्सा लेंगे।
डुलूड-चो का अर्थ होता है प्यार भरा चुम्मा
मरांडी ने सार्वजनिक तौर पर ही डुलूड-चो प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। जिसे लेकर बकायदा कई दिनों से पंपलेट व अनाउंस के माध्यम से लोगों को बताया गया था। जहां पर मेला का आयोजन होता है उस मेले की कमेटी में वह खूद सदस्य भी है। इसी नाते वह कार्यक्रम में शामिल हुये थे। लोग इस बात को समझ नहीं पा रहें हैं। डुलूड चो का मतलब होता है प्यार भरा चुम्मा।