–मुकेश भारतीय–
‘होनहार विरवान के होत चिकने पात’ …..वेशक यह कहावत आज कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय ओरमांझी पहुंचीं महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु और पूजा कुमारी नामक 12वीं की छात्रा के बीच आत्मीय बातचीत में नजर आया। दरअसल हुआ यह कि महामहिम अपने उद्गार व्यक्त करने बाद सभी कक्षाओं का बारी-बारी से जायजा ले रहीं थी कि अचानक 12वीं की छात्रा पूजा कुमारी ने सबाल कर दी कि जी हम परीक्षा में बेहतर परिणाम के लिये तैयारी कैसे करें।
इस सबाल पर महामहिम ने बताया कि सुबह पहले उठो और अपनी मजबूत दिन चर्या तय करो। शुरुआत आत्मकेन्द्रित व्यायाम से करो। छात्रा ने महामहिम से यह भी पूछ डाला कि जी वह बहुत गरीब परिवार से आती हैं। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद किसी अच्छे कॉलेज में नामांकण और आगे की पढ़ाई कैसे कर पायेगीं ?
इस बाल को सुनते ही महामहिम काफी भावुक हो गई और कहा कि गरीबी पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनती है। अगर हौसला और ईरादे बुलंद हो तो हर राह आसान हो जाती है। महामहिम ने उदाहण देते हुये छात्रा को समझाया कि वह भी सादाहरण परिवार से इस मुकाम तक हैं। उन्हें पढ़ाई के लिये पिताजी की ओर से मात्र 10 रुपये प्रति माह मिलती थी। लेकिन वे कई दिनों उपवास कर पैसे बचा लेती थी और उससे आवश्यक जरुरतों की पूर्ति करती थीं।
महामहिम ने कहा कि अगर तुम (छात्रा) अच्छे अंक से 12वीं पास हो जाओगी तो अच्छे कॉलेज में नामाकंण की जबाबदेही वह लेती हैं। महामहिम की इस आत्मयता और सहृद्यता के सब कायल दिखे।
उल्लेखनीय है कि पूजा ओरमांझी प्रखंड के टुंडाहोली गांव की रहने वाली है। वह अपनी नानी के साथ रहती है। पूजा के माता-पिता अप इस दुनिया में नहीं हैं। पूजा को अपनी मां की मौत याद नहीं है जबकि उसके पिता की मौत तब हो गई थी, जब वह सातवीं की छात्रा थी। उसके बाद उसकी पढाई छूय गई। फिर उसकी नानी के कई प्रयास के बाद उसका नामांकण कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय ओरमांझी में हो सका।
हालांकि पूजा की इस दास्तां से महामहिम अनभिज्ञ रहीं।