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    Wednesday, May 1, 2024
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      2543वां महावीर निर्वाण महोत्सवः सज-धज यूं तैयार हुआ पावापुरी

      pawapuri news 2भगवान महावीर का 2543 वां निर्वाण महोत्सव मनाने के लिए दिगम्बर जैन कोठी , श्वेताम्बर एवं समावशरण मंदिर कमिटी की ओर से भी सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है।

      दिगम्बर जैन कोठी के प्रबंधक अरुण कुमार जैन एवं संदीप जैन ने बताया कि जैन श्रदालुओ के लिए बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी की ओर से भी हर जरुरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है।

      इस महोत्सव को लेकर दिगम्बर जैन कोठी को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, दुल्हन की तरह सजाने से शाम के समय यह स्थान लाइटों से जगमगा उठी है।

      pawapuri news 3इस कमिटी के मानद मंत्री श्री पराग जैन जी ने बताया कि भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव को लेकर मन्दिर कमिटी के प्रबंधक, उप प्रबंधक, सहित अन्य कर्मी को वयवस्था में लगा दिया गया है ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार का परेशानी न हो ।

      बताया गया कि जैन श्रदालुओ के आने का सिलसिला जारी हो गया है, संभावना जतायी जा रही है कि इस भगवान महावीर निर्वाण दिवस पावापुरी महोत्सव में भारी संख्या में श्रदालु शामिल होंगे।

      बताते चलें कि भगवान महावीर निर्वाण दिवस के पश्चात पावापुरी जी में महावीर का निर्वाण महोत्सव प्रत्येक वर्ष धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा है।

      इस मौके पर तीनों मन्दिरों दिगम्बर, श्वेताम्बर और शमावसरण द्वारा भगवान महावीर के निर्वाण स्थल जल मंदिर में उनके पदक चरण पर लाडू बोली के साथ चढ़ाया जाता है। जल मंदिर को जलसरोवर, कमल सरोवर के नाम से भी जाना जाता है।

      जल सरोवर में कमल के खिले फूल भी इस बार काफी रौनक बढा रही है। निर्वाण लाडू चढ़ाने की भी एक परम्परा रही है कि जो सबसे ऊंची बोली लगाते हैं उनकी ही लाडू प्रथम पूजन में चढ़ाया जाता है।

      pawapuri news1इस मौके तीनों मन्दिर के द्वारा रथ यात्रा भी निकाली जाती है। इस मौके पर जहां गाजे बाजे के साथ रथ पर सवार भगवान महावीर की रथ यात्रा के साथ जल मन्दिर आते हैं और पूजा अनुष्ठान कर सारी विधि विधान को पूरा किया जाता है। 

      साथ ही प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी श्वेताम्बर कमिटी द्वारा इस बार भी भगवान महावीर की मूर्ति विराजमान कर बड़ घोड़ा निकाली जाएगी।

      इस अवसर पर मुख्य रूप से मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसमें आस पास गांव के लोगों के अलावा दूर दराज गांव के लोग शामिल होते हैं । यह मेला मुख्य रूप से तीन दिनों तक चलता है।

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