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    Thursday, May 2, 2024
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      हिलसा एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा ने कहा- अब नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थिति सामान्य

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      हिलसा के एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा

      बिहारशरीफ ( संवाददाता / न्यूज डेस्क)। चंडी स्थित नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में बिजली, पानी एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर छात्रों का हंगामा और तालाबंदी की समस्या टल गई है। विधि-व्यवस्था की दृष्टिकोण से हिलसा के एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा की पहल पर कॉलेज प्रबंधन और छात्रों के बीच फिलहाल सामजंस्य स्थापित हो गया है।

      इस बाबत एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि बिहार में कुछ तकनीकी कारणों से बिजली की स्थिति अभी खराब है। इस पर कॉलेज के छात्र प्रबंधन से 24 घंटे जेनेरेटर चलाने की मांग कर रहे थे। उधर कॉलेज प्रशासन का कहना था कि उतना फीस-पैसा हमारे पास नहीं होता है कि हम ये कर सकें।

      श्री सिन्हा ने बताया कि इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर रास्ता निकाला गया कि छात्रों के प्राईम टाईम में खास कर नाईट में जेनेरेटर से बिजली आपूर्ति की जाये।

      उन्होंने छात्रों की स्वास्थ-ईलाज की समस्या की बाबत कहा कि वे नहीं जानते कि कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिये क्या व्यवस्था कर रखी है,यह उनका आंतरिक मामला है। लेकिन, इस संदर्भ में वहां हमारे स्वास्थ्य केन्द्र-रेफरल असपताल हैं और कॉलेज प्रबंधन या छात्र जब चाहेगें, हम अपने स्तर से एंबुलेस उपलब्ध करा देगें।  

      बता दें कि नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों ने हॉस्टल में बिजली पानी और भोजन की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा किया तथा कॉलेज में तालाबंदी कर दी थी।

      छात्रों का कहना था कि यहां कॉलेज प्रबंधन इन सुविधाओं के लिए अतिरिक्त पैसे की मांग करता है तथा आवाज उठाने पर कॉलेज से निकाल देने की धमकी देता है ।

      छात्रों का यह भी कहना था कि कहने को वे सब छात्रावास में रह रहे हैं। लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। बिजली नही रहने और पानी की सुविधा नही होने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां किसी प्रकार की चिकित्सा की व्यवस्था भी नहीं है। बीमार पड़ने पर छात्र ही टांग कर अस्पताल ले जाकर ईलाज कराते हैं। इन सब मुद्दों को लेकर कई बार कॉलेज के प्राचार्य से लिखित आवेदन देकर सुविधाओं की मांग की गईं। लेकिन कॉलेज प्रबंधन उनकी मदद नही करता।

      छात्रों का यह भी कहना है कि यहां इन सब सुविधाओं को लेकर अतिरिक्त पैसे की मांग की जाती है। शिकायत करने पर कॉलेज से निकाल देने की धमकी दी जाती है या फिर कारण पृच्छा की जाती है ।

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