“मॉब लिंचिंग की इस वारदात को लेकर ग्रामीण प्रशासन और सरकार की तरफ इंसाफ की टकटकी लगाए बैठे हैं। परिजन न्याय की फरियाद लगाते नजर आ रहे हैं। लेकिन सुनने वाला कौन है? यहां मॉब लिंचिंग की चिंगारी साल 2017 में भड़की थी, जिसमें पूरा कोल्हान जल उठा था और 4 युवकों की जान ले ली थी। ……………”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (वीरेन्द्र मंडल)। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला में मानवता फिर शर्मसार हुई है। कल एक कैदी तबरेज अंसारी उर्फ सोनू की मौत सरायकेला सदर अस्पताल में हो गई थी। जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए खूब हंगामा खड़ा किया था।
परिजनों से सरायकेला थाना पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए निर्दोष को फंसाने का आरोप लगाया था। परिजनों ने बताया कि मृतक पूना में काम करता था ईद की छुट्टियों में अपने गांव खरसावां थाना अंतर्गत कदमडीहा आया हुआ था।
17 जून को गांव के तीन युवक एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर जमशेदपुर के आजादनगर से वापस गांव लौट रहे थे, इसी बीच सरायकेला थाना अंतर्गत धातकीडीह गांव के ग्रामीणों ने तीनों को चोर के शक में धर दबोचा, हालांकि दो अन्य युवक तो भागने में सफल रहे।
लेकिन मृतक तबरेज उर्फ सोनू को ग्रामीणों ने बिजली के खंभे से बांधकर पूरी रात पिटाई की। परिजनों ने उस खौफनाक मंजर का एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए मृतक से कौम पूछकर जबरन जय श्री राम और जय बजरंगबली का नारा लगवाने का आरोप लगाया है। इस तरह के वीडियो भी वायरल हुए हैं।
गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ हैः कल की घटना के बाद कदमडीहा गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। हर घर से बस यही आवाज आ रही है कि आखिर यह क्या हो गया। हर आंखें भीड़ के उस मंजर को याद कर कराह उठती है।
दोनों युवकों का अब तक नहीं है कोई आता पताः घटना के बाद से अन्य दोनों युवक लापता है। दोनों युवक ना तो गांव लौट हैं ना ही अपने किसी रिश्तेदार के यहां से अपने सुरक्षित होने का कोई पैगाम ही भिजवाया है। तो आखिर दोनों युवक गए तो गए कहां ?
मृतक की पत्नी की शिकायत पर सरायकेला थाने में हत्या का मामला दर्जः इधर बवाल बढ़ता देख सराय थाने में मृतक की पत्नी सहिस्ता परवेज की शिकायत के बाद पप्पू मंडल व अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
परिजन बताते हैं कि जब वे तबरेज से मिलने थाना पहुंचे थे, तो थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने उन्हें मिलने नहीं दिया था, जबकि हाजत में बंद तबरेज दर्द से कराह रहा था।
इतना ही नहीं पुलिस की मौजूदगी में आरोपी पप्पू मंडल मृतक तबरेज को गाली गलौज कर रहा था और पुलिस मूकदर्शक बनकर देख रही थी। काश पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करती तो शायद तबरेज की मौत नहीं होती।
ऐसा परिजनों का मानना है। परिजन बताते हैं कि तबरेज की स्थिति को देखते हुए वे शुरू से अपने खर्च पर बेहतर इलाज कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना, जिससे उसकी मौत हो गई।
फिलहाल सरायकेला-खरसावां जिला में एक और युवक की जान ले ली और अन्य दो युवक गायब हैं। आखिर इसके पीछे कौन सी कट्टर ताकत है, इसकी जांच जरूरी है।
वैसे इसी जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के शोभापुर से मॉब लिंचिंग की चिंगारी साल 2017 में भड़की थी, जिसमें पूरा कोल्हान जल उठा था। और 4 युवकों की जान ले ली थी।
खैर, भीड़ का कोई मजहब नहीं होता और भीड़ के लिए कोई कानून नहीं इसी का फायदा उठाकर चंद मुट्ठी भर लोग समाज को तोड़ने का काम करते हैं, जिसका खामियाजा कई निर्दोषों को भुगतना पड़ता है। भीड़ का आखिर ये कैसा इंसाफ ?