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    Wednesday, May 1, 2024
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      नालंदा एसपी कार्यालय के भ्रष्ट प्रधान लिपिक और लेखापाल पर क्यों नहीं हो रही कार्रवाई

      प्रमाणित हो चुका है कि नालंदा जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदास्थापित प्रधान लिपिक और लेखापाल फर्जीवाड़ा-भ्रष्टाचार में संलिप्त है। फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जोकि सीएम नीतिश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति’राज में काफी आश्चर्य की बात है।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ अवस्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदास्थापित प्रधान लिपिक पंकज कुमार सिन्हा और लेखापाल पियूष कुमार आनंद द्वारा फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपये का गबन किया है। इसकी पुष्टि बिहारशरीफ सदर डीएसपी की जांच में भी हो चुकी है।nalanda sp office cruption 2

      लेखापाल द्वारा अपने पिता पुअनि अतिनंद सिंह जाली हिन्दी टिप्पण एवं प्रारुपण परीक्षा की फर्जी उतीर्णता प्रमाण पत्र प्रधान लिपिक की मिलीभगत से पुलिस मुख्यालय को जाली कागजात भेजकर एसीपी एवं अन्य सेवान्त लाभकी स्वीकृति प्राप्त करते हुये लाखों रुपये की सरकारी राशि का गबन किया गया है।

      लेखापाल पियुष कुमार आनंद के पिता पुलिस अवर निरीक्षक आयोजित अराजपत्रित कर्मचारियों के हिन्दी टिप्पण एवं प्रारुपण परीक्षाफल में उतीर्ण नहीं हुये थे।

      दुमका समाहरणालय शाखा का ज्ञापांक-1068  के अनुसार दिनांकः 30.08.2016 के द्वारा प्रेषित परीक्षाफल ज्ञापांक-862, दिनांकः16.07.1986 की छायाप्रति में अंकित क्म संख्या-03 पर निप्दलाल मरम एवं रौल नंबर-95 पर भोला नाथ सिंह का नाम अंकित है। उक्त परीक्षा के संपूर्ण परीक्षाफल में लोखापाल के पिता पुअनि अतिनंद सिंह के नाम का उल्लेख नहीं है।nalanda sp office cruption 1

      लेकिन बिहारशरीफ पुलिस कार्यालय में पदास्थापित लेखापाल के द्वारा अपने पिता का प्रभारी पदाधिकारी जिला सामान्य शाखा समाहरणालय दुमका का ज्ञापांक-862, दिनांकः16.07.1986 के क्रम संख्या-03, रौल नबंर-95 में जालसाजी के तहत नाम अंकित कराते हुये फर्जी तरीके से दुमका जिला आदेश संख्या-1151/1986 को अंकित कराकर प्रधान लिपिक पंकज कुमार सिंन्हा से सांठ-गांठ कर संबंधित जिला से बिना संपुष्ट किये पुलिस मुख्यालय से एसीपी का लाभ स्वीकृत कराया गया।

      तदोपरांत लाखों रुपये की सरकारी राशि का गबन करने के लिये नालंदा जिलादेश संख्या-341/2017, ज्ञापांक-921 दिनांकः 10.03.2017 के माध्यम से एपीसी लाभ की निकासी हेतु लोखापाल और प्रधान लिपिक के द्वारा नालंदा एसपी को से स्वीकृत करा लिया गया।

      अब सवाल उठता है कि जब बिहारशरीफ सदर डीएसपी के ज्ञापांक-3888 दिनांकः 22.10.17 के द्वारा प्रेषित जांच रिपोर्ट पर नालंदा एसपी द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

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