एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के राजगीर नगर पंचायत कार्यालय का पूरा तंत्र भ्रष्ट और निकम्मा है। इसकी एक और बानगी आज स्पष्ट तौर पर देखने को मिली। कार्यपालक पदाधिकारी, नगर प्रबंधक का रवैया ही बिल्कुल गैर कानूनी रही।
आगे लिखने से पहले बता दूं कि यह मामला राजगीर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का कार्यालय में दायर अनन्य वाद संख्या- 527310107091801511 से जुड़ा है। इस मामले को दांगी टोला वार्ड नं. निवासी संतोष कुमार ने दायर की है।
परिवाद का संक्षिप्त विवरण था नगर पंचायत राजगीर के भ्रष्ट आचरण के कारण नगर पालिका अधिनियम २००७ के दुरूपयोग कर विधि विरूध किया जा रहा नन्द किशोर प्रसाद एवं यदुनन्दन प्रसाद दोनों पिता स्व. सहदेव माहतो, निवासी दांगी टोला, राजगीर के विरूध त्वरित नोटिश करने का आदेश करते हुए किया गया अवैध सम्पूर्ण निर्माण हटाने हेतू।
इसकी वाद अंतिम सुनवाई तिथि- 19/12/2018 को हुई। अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अंतिम आदेश में साफ लिखा था कि….
“प्रश्नगत परिवाद में कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत राजगीर को लोक प्राधिकार बनाया गया एवं विभिन्न तिथियों पर सुनवाई की गयी।
कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत राजगीर ने अपने पत्रांक- 1551, दिनांक 19.12.18 से प्रतिवेदित किया है कि श्री नन्दकिशोर प्रसाद एवं यदुनन्दन प्रसाद पिता- सहदेव महतो, दांगी टोला, राजगीर के द्वारा किये गये भवन निर्माण को बंद करा दिया गया है।
भवन निर्माण से संबंधित प्रतिवेदन कनीय अभियंता नगर पंचायत, राजगीर से प्रतिवेदन की मांग की गयी है जो अभी तक अप्राप्त है। कार्यपालक पदाधिकारी के द्वारा यह भी प्रतिवेदित किया गया है कि नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 315 एवं 319 एवं भवन उपविधि 2014 के आलोक में नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
चूंकि परिवाद के आलोक में अबतक कार्यपालक पदाधिकारी, राजगीर द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है सिर्फ प्रतिवेदन देकर खानापूर्ति की गयी है। लोक प्राधिकार संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध राशि वसुलने हेतु निलाम वाद दायर करने से संबंधित कार्यवाही करें।
चूंकि यह मामला काफी पेचीदा है तथा इसमें काफी समय लगने की संभावना है अत: लोक प्राधिकार को निदेश दिया जाता है कि राशि वसुलने से संबंधित विधि के अनुरूप कार्रवाही करें/ नक्शा के विरूद्ध अवैध निर्माण से संबंधित संरचना को हटाना सुनिश्चित करें। इस निदेश के साथ परिवाद की कार्यवाही समाप्त की जाती है।”
लेकिन उपरोक्त आदेश को लेकर शुरु से ही विवादों में घिरे नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, नगर प्रबंधक समेत पूरे विभागीय लाव-लश्कर के साथ कार्रवाई करने पहुंची तो जरुर, लेकिन “नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या” कहावत चरितार्थ करते वैरंग वापस ही नहीं लौट आई, अपितु उल्टे परिवादी को ही खुली धमकी देते नजर आए। (जारी…..)