राजनामा/एक्सपर्ट मीडिया/ आइएनआर (मुकेश भारतीय)। नालंदा से कुमार आशीष चले गये। उनकी जगह आइपीएस सुधीर कुमार पोरिका ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। कुमार आशीष के दो रुप थे। एक मीडिया ने गढ़ी थी और दूसरा आम जनता ने।
आम जनता की नजर में उनकी छवि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजनामा.कॉम, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज.कॉम, इंडिया न्यूज रिपोर्टर.कॉम के संचालक-संपादक समेत राजगीर के वरीय पत्रकार राम बिलास जी पर राजगीर मलमास मेला भूमि की सैरात भूमि के एक अदद अतिक्रमणकारी ने राजगीर थाना में बैठ कर पहले धमकी दी और बाद में उलजलूल मुकदमा कर दिया।
इसकी ऑडियो क्लिप भी जारी किये गये गये, जिसके बैकग्राउंड में राजगीर थाना प्रभारी की आवाज भी सुनने लायक थी। इसकी कॉपी नालंदा के पूर्व एसपी कुमार आशीष को भी भेजी गई थी। लेकिन उन्होंने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जाहिर है कि राजगीर थाना प्रभारी को पूर्व एसपी का खुला संरक्षण प्राप्त था।
सुधीर कुमार पोरिका भी आईपीएस हैं। कुमार आशीष भी आईपीएस थे। अगर बिरादरी से उपर उठकर इस मामले की नये सिरे से जांच करते हैं तो एक नई छवि बनेगी। अन्यथा यही माना जायेगा कि पुलिस-प्रशासन आम जनता से इतर अधिक काम करती है।
जहां तक पूर्व एसपी कुमार आशीष की बात है तो मीडिया या शोसल साइट से इतर उनकी कोई खास उपलब्धि नहीं रही। आम जनता अपराध से त्रस्त रही और वे मस्त।
अगर शराबबंदी की ही बात करें तो हमारे पास प्रयाप्त सबूत हैं कि उन्होंने बड़े माफियाओं को राहत दी और कमजोर तबके के एक-दो बोतल महुआ या अंग्रेजी बोतल वालों को कड़ी धाराएं लगा कर जेल में ठूंस दिया। और भी अपराध के कई ऐसे मामले हैं, जिसकी परतें सीधे पूर्व एसपी कुमार आशीष पर जा ठहरती है।
पूर्व एसपी ने जिले के किसी थाना प्रभारी को छोटी आधार पर लाइन हाजिर कर दिया, संस्पेंड कर दिया तो वहीं घाघ थाना प्रभारियों को महिमामंडित करते रहे। कभी राज्य सभा सदस्य आरसीपी सिंह के नाम पर तो कभी क्षेत्रीय विधायक मंत्री श्रवण कुमार के नाम पर।
हम उम्मीद करते हैं कि नये एसपी पूरी पारदर्शिता के साथ अपनी शपथ का पालन करेगें। ऐसे भी साउथ के लोग अपनी कर्तव्यनिष्ठता के लिये शुमार रहे हैं। कुमार आशीष सा कार्यशैली आम जन हित में कभी महिमा मंडित नहीं किया जा सकता।
बहरहाल, अलविदा कुमार आशीष, स्वागतम सुधीर कुमार पोरिका, लेकिन….