“बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं फुलवारी शरीफ के सत्तारुढ़ जदयू विधायक श्याम रजक ने पारस अस्पताल को लेकर अपनी एक सचित्र दर्द भरी कहानी फेसबुक पर लिखी है। वहीं उनकी वायरल वीडियो ने सनसनी मचा रखी है……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। कलियुग में डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, लेकिन पटना के फाइवस्टार सुविधाओं वाले निजी अस्पताल पारस हॉस्पिटल का एक बार फिर बेहद खौफनाक चेहरा सामने आया है।
इस बार अस्पताल प्रबंधन पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और सत्ताधारी दल से जुड़े कद्दावर विधायक ने बेहद गंभीर आरोप चस्पा दिए। ऐसे पटना के इस चर्चित पारस अस्पताल की कारगुजारियों समय-समय पर समाचारों की सुर्खियां बनती रही है।
यह वही अस्पताल है, जिसके मृत को जबरिया आईसीयू में रखकर इलाज के बहाने परिजनों से मोटी रकम वसूलने के वीडियो वायरल हुआ थ। तब मृतिका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज के नाम पर गलत बिल बनाने का आरोप लगाया था।
पटना के शास्त्री नगर थाना में धोखाधड़ी के आरोप के तहत केस दर्ज कर लिया गया। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन की काली करतूत के खुलासे के बावजूद भी इस निजी संस्थान की सेहत पर की असर नहीं पड़ा। समय-समय पर लगातार और बारम्बार पारस का पाप फूटता रहा और समाचार जगत की सुर्खियां बनता रहा पर स्थिति यथावत।
एक बार तो सूबे के चर्चित एमपी पप्पू यादव ने बाकायदा अस्पताल की गेट पर धरना देते हुए इस निजी अस्पताल पर बेहद संगीन आरोप लगाया था, पर समय के साथ पारस के प्रबंधन ने मामला मैनेज कर लिया।
श्याम रजक लिखते हैं कि पटना के पारस हॉस्पिटल द्वारा रोगी के प्रति बहुत ही गैर जिम्मेदाराना रवैया दखने को मिला। खुद मुझे व्यतिगत रूप से इसका सामना करना पड़ा। कंधे और पीठ में दर्द के कारण मैं पिछले 3 दिनों से पारस हॉस्पिटल,पटना में भर्ती था।
फिजियोथेरेपी के दौरान अस्पताल की लापरवाही की वजह से मेरी पीठ को जला दिया गया। जिसकी वजह से मेरी पीठ पर फोले हो गए हैं और असह्य दर्द व जलन है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी न तो कोई संतोषजनक जवाब दिया गया ना कार्रवाई हुई।
“अंततोगत्वा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मैंने कंप्लेन दर्ज करवा दी है और पारस हॉस्पिटल को छोड़ कर राजेश्वर हॉस्पिटल में भर्ती हो गया हूँ। आप सभी के शुभकामनाओं और ईश्वर के आशीर्वाद से बहुत जल्दी मैं पूरी तरह स्वस्थ होकर पहले की तरह जनसेवा में जुटने के लिए तत्पर हूँ।”
ज्ञातव्य हो के पटना के पारस अस्पताल पर पहले भी कई बार चिकित्सा के क्रम में लापरवाही का आरोप लगते रहे हैं। इसके बावजूद आज तक अस्पताल प्रबंधन पर किसी तरह का संज्ञान बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नहीं लिया है।
इसके बाद विधायक श्याम रजक ने पारस अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज करा दिया। वहीं, हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से शास्त्रीनगर पुलिस तत्काल एफआईआर दर्ज कर तो लिया, लेकिन अमानवीयता के पर्याय बने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है। इससे राज्य सरकार की सुशासन और जीरो टॉलरेंस के ढिंढोरे की पोल यूं ही खुल रही है।