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    Monday, May 20, 2024
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      कोडरमा जिला परिषद में लकड़ी कटाई प्रकरण: RTI एक्टिविस्ट इंद्रदेव लाल ने रांची डीसी के खिलाफ ऑडरशीट की कॉपी के लिए ACB कोर्ट में दिया आवेदन

      रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। झारखंड हाईकोर्ट से पिछले 5 साल से जमानत पर चल रहे रांची के डीसी छवि रंजन के खिलाफ अभी तक कोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं होने बाद अब आरटीआई एक्टिविस्ट इंद्रदेव लाल ने एफआईआर और आर्डरशीट की कॉपी के लिए रांची एसीबी कोर्ट में नकल निकलवाने के लिए आवेदन दिया है.

      Wood cutting case in Koderma Zilla Parishad RTI activist Inderdev Lal applied in ACB court for copy of ordersheet against Ranchi DCकोर्ट के पेशकार ने बताया कि छविरंजन का मामला हजारीबाग एसीबी कोर्ट में है. वहीं से नकल की कॉपी पाना संभव है. इंद्रदेव लाल ने हजारीबाग जाकर पता किया तो कहा गया कि अभी एफआईआऱ और आर्डरशीट की कॉपी हजारीबाग एसीबी कोर्ट में नहीं है. यहां आने पर ही आपको नकल की कॉपी मिल पाएगी.

      हजारीबाग एसीबी कोर्ट में है दस्तावेजः इंद्रदेव लाल ने बताया कि 15 फरवरी को उन्होंने रांची के विशेष निगरानी कोर्ट के जज ए. दुबे की अदालत में निगरानी केस नं-1, 2016, झारखंड राज्य बनाम छविरंजन के खिलाफ (निगरानी केस नंबर 76/2015) केस से संबंधित दस्तावेज की मांग की है.

      इंद्रदेव लाल ने बताया कि जब दस्तावेज लेने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि छविरंजन के खिलाफ लंबित मामला हजारीबाग के एसीबी के विशेष जज के कोर्ट में 18 फरवरी 22 को भेज दिया गया है, वहीं से मिलेगा.

      कोडरमा जिला परिषद में लकड़ी कटाई का लगा है आरोपः बता दें कि छवि रंजन पर आरोप है कि उन्होंने कोडरमा के डीसी रहते हुए जिला परिषद के सरकारी परिसर से पांच बड़े सागवान के पेड़ और एक बड़े शीशम के पेड़ को अवैध रूप से कटवाया, जिसका मूल्य 20-22 लाख रुपए के आसपास बताया गया.

      इसके बाद छवि रंजन के खिलाफ कोडरमा के मरकच्चो थाने में पी.एस.केस (83/2015) दर्ज किया गया। कुछ दिनों बाद हजारीबाग के एसीबी विभाग में (केस सं.1/2016) सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत याचिकाकर्ता (छवि रंजन) को नोटिस जारी किया गया था। बाद में इस मामले को रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को रेफर किया गया।

      पिछले पांच से साल से जमानत पर हैं छविरंजनः उल्लेखनीय है कि लकड़ी कटाई कांड पर कार्रवाई की मांग को लेकर विधायक प्रदीप यादव ने 2016 के विधानसभा सत्र में सरकार पर दबाव बनाया था.

      इसके बाद पूर्व सीएम रघुवर दास ने एक आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह को तत्काल हेलीकॉप्टर से जांच के लिए कोडरमा भेजा था.

      इसके बाद एसीबी के डीआईजी रहे एमआर मीणा ने इसकी जांच की. जांच के बाद प्रथम दृष्टया छवि रंजन को दोषी माना गया. इसके बाद उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 379/34/120बी, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1) (डी) और भारतीय वन अधिनियम की धारा 33/41 के तहत मामला दर्ज किया गया.

      इससे बाद छवि रंजन ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर झारखंड हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की. इसके बाद से वे पिछले पांच से साल से जमानत पर हैं.

      क्या इंद्रदेव लाल को दस्तावेज उपलब्ध हो पाएगा?: इस मामले में प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि छवि रंजन के मौखिक आदेश पर जिला परिषद परिसर से पेड़ कटवाए गए थे. हालांकि डीसी के अधिवक्ता का तर्क था कि उन्हें इस मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है।

      इस मामले में शुरू में एसीबी ने मामले की जांच अपने हाथ में नहीं लिया था, बल्कि एक नया मामला दर्ज किया, जिसका केस नंबर 76/2015 है.

      याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से कहा कि हमारे मुवक्किल (छविरंजन) ने 03 अक्तूबर 2016 के आदेश के अनुसार, याचिकाकर्ता आईओ के समक्ष पेश हुआ और अपना बयान दर्ज कराया।

      इसके बाद अंतिम फॉर्म 26 अक्तूबर 2016 को जमा किया गया. चार्जशीट दर्ज होने के बावजूद अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई.

      सुनवाई शुरू कराने के लिए इंद्रदेव लाल ने एसीबी से दस्तावेज की मांग की है. अब देखना है कि इंद्रदेव लाल को कबतक दस्तावेज उपलब्ध हो पाता है.

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