पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार राजधानी पटना अवस्थित ऐतिहासिक मोइनुल हक स्टेडियम जल्द ही एक आधुनिक और विश्वस्तरीय क्रिकेट स्टेडियम के रूप में विकसित होने जा रहा है। बीते 6 नवंबर, 2024 का दिन बिहार के क्रिकेट इतिहास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, जब बिहार सरकार ने 650 करोड़ रुपये की लागत वाली इस स्टेडियम की ज़मीन को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) को सौंपने का निर्णय लिया और दोनों पक्षों के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
बिहार सरकार और बीसीए के बीच ऐतिहासिक समझौताः एमओयू के अनुसार मोइनुल हक स्टेडियम को पुनर्विकसित करने और इंटरनेशनल स्तर का क्रिकेट मैदान बनाने की सारी जिम्मेदारी बीसीए को दी गई है। स्टेडियम को 30 वर्षों के लिए बीसीए को लीज पर दिया गया है।
इसके तहत शुरुआती 7 वर्षों तक बीसीए को केवल एक रुपये प्रति वर्ष भुगतान करना होगा। इसके बाद होने वाले मुनाफे का 50 फीसदी हिस्सा बिहार सरकार को दिया जाएगा। इस करार में बीसीए को 37 करोड़ रुपये के निबंधन शुल्क में भी छूट दी गई है।
खेल विभाग के प्रधान सचिव बी. राजेंद्र ने इस समझौते की जानकारी देते हुए बताया कि यह पहल बिहार के खेल ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्टेडियम के पुनर्निर्माण से पटना को देश के प्रमुख क्रिकेट हब के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
स्टेडियम का होगा पुनर्निर्माण: इंटरनेशनल मानकों के अनुरूपः मोइनुल हक स्टेडियम को अब पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। ताकि यह इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स की मेज़बानी के लिए तैयार हो सकेगा। इसमें 40,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी और 76 कॉरपोरेट बॉक्स, 250 वीआईपी सीटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी।
इसके अलावा इस स्टेडियम को एक पूर्ण स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तब्दील किया जाएगा। जिसमें बैडमिंटन कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, स्विमिंग पूल, पांच सितारा होटल, खिलाड़ियों के लिए आधुनिक हॉस्टल, रेस्टोरेंट और क्लब हाउस जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी।
स्टेडियम के इस पुनर्निर्माण से बिहार क्रिकेट को एक नई ऊंचाई मिलेगी। जहां स्थानीय खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे इंटरनेशनल सितारों के साथ खेलते नजर आएंगे। वहीं आईपीएल और अन्य बड़े टूर्नामेंट्स की मेज़बानी से राज्य को भी आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से लाभ होगा।
भविष्य की योजना और संभावनाः बिहार सरकार की ओर से खेल निदेशक महेंद्र कुमार और बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। योजना के अनुसार स्टेडियम के पुनर्निर्माण का शिलान्यास अगले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा होने में दो से तीन साल लगने का अनुमान है और इसके बाद मोइनुल हक स्टेडियम इंटरनेशनल क्रिकेट मानचित्र पर अपनी खास पहचान बना लेगा।
बिहार के लिए संभावनाओं के नए द्वारः इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे बिहार के खिलाड़ियों को अपने घरेलू मैदान पर इंटरनेशनल स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। इससे राज्य के युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे अधिक से अधिक क्रिकेट में करियर बनाने के लिए प्रेरित होंगे। साथ ही पटना जैसे शहर में आईपीएल और अन्य बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट्स का आयोजन न सिर्फ खेल को प्रोत्साहन देगा बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
यह पहल बिहार के खेल भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है और अगर सही दिशा में इस परियोजना को पूरा किया गया तो मोइनुल हक स्टेडियम बिहार के क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का केंद्र बनेगा।
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