रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क)। झारखंड कैबिनेट में आधी-अधूरी तैयारियों के साथ अध्यादेश लाना की हेमंत सोरेन सरकार के लिए भारी पड़ा।
कोरोना रोकथाम के नाम पर एक लाख के भारी-भरकम जुर्माने से पीछे हटते हुए सरकार ने कही कि दंड की राशि अभी तय नहीं है।
राज्य सरकार की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि आगे रेगुलेशन जारी कर नियम के उल्लंघन के हिसाब से दंड की राशि तय की जाएगी।
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से राज्य से संबद्ध संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि आम लोगों में जुर्माने को लेकर फैली भ्रांतियां सही नहीं है।
यह कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए फौरी तौर पर किया गया उपाय है। जुर्माने की राशि अभी तय नहीं है।
बता दें कि इस अध्यादेश के बारे में लोगों के पास यह संदेश ज्यादा प्रचलित हो रहा है कि मास्क नहीं पहनने पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।
सरकार चाहकर भी इसे रोक नहीं पा रही है और अब जल्द ही इसका संशोधित स्वरूप सभी के सामने होगा।
इसमें स्पष्ट तौर पर अंकित होगा कि किस अपराध के लिए कौन सा जुर्माना लगेगा और सजा की मियाद कितनी होगी।
फजीहत के बाद स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग आपस में एक-दूसरे पर फेंकाफेंकी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग तर्क दे रहा है कि मास्क लगाकर चलने का निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग ने दिया है तो आपदा प्रबंधन इससे इन्कार कर रहा है।
बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग इस अध्यादेश के तहत अलग-अलग अपराधों में जुर्माने की राशि तय करने में जुटा है।