“यहां जिस प्लेटफार्म के पास जाकर दुकानों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया हैं, उसी पर प्लेटफार्म पर लोग दीवार देकर स्थाई मकान बनाए हुए हैं। राजगीर नगर पंचायत के पदाधिकारी की औकात है तो उसे जाकर गिरा कर दिखाए……..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हाथों कल जहां एक तरफ राजगीर महोत्सव-2019 का रंगारंग शुभारंभ होना है, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के तंत्र द्वारा की गई कथित अमानवीय रवैये से क्षुब्ध नालंदा फुटपाथ दुकानदार अधिकार मंच के बनैर तले फुटपाथी दुकानदारों ने अपना कारोबार बंद रखते हुए पटेल चौक (बस स्टैण्ड) के पास धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
आज मंच द्वारा बुलाई गई आपातकालीन बैठक में ली गई निर्णय के अनुसार आज शाम सात बजे सभी दुकानदार समूचे राजगीर में मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया है।
मंच के समन्वयक डॉ. अमित कुमार पासवान ने राजगीर अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में नगर पंचायत के सिटी मैनेजर को बर्खास्त करने, राजगीर में वेडिंग जोन बनाने की मांग की है।
डॉ. पासवान का कहना है कि राजगीर में आए दिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर पंचायत के सिटी मैनेजर फुटपाथी दुकानदारों को बेवजह तंगोतबाह करते रहते हैं।
आज 24 नवंबर को नगर प्रबंधक द्वारा फुटपाथी दुकानदारों बगैर कोई पूर्व सूचना के उनके दुकानों को जबरन जेसीबी मशीन से उलटवा दिया गया। जिसमें अनेक दुकानदारों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
उन्होंने बताया कि यहां भारत सरकार के द्वारा फुटपाथ दुकानदार के लिए बनाया गया पथ बिक्रेता कानून (आजीविका का संरक्षण और पथ विक्रय का विनियमन)-2014 एवं बिहार राज्य पथ बिक्रेता नियमावली-2017 तथा सुप्रीम कोर्ट के फैसलाकी अवहेलना किया गया है।
इधर मंच अध्यक्ष गोपाल बदानी ने कहा कि नगर प्रबंधक द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत इस तरह गैर जिम्मेदाराना हरकत को अंजाम दिया गया है। चक्का वाले दुकान को उलट दिया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि राजगीर के नगर पंचायत के पदाधिकारी बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं।