“झारखंड की राजनीति में सत्तारुढ़ भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है। हालांकि यह आगामी विधानसभा चुनाव में कितना कारगर होगा, इस बारे में अभी आंकलन करना काफी मुश्किल है……………”
रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। खबर है कि विपक्षी दलों के 5 विधायक भाजपा में शामिल हुए। इनमें झामुमो के दो, कांग्रेस के दो और नौजवान संघर्ष मोर्चा का एक विधायक है।
इसके अलावा, रिटायर्ड डीजीपी डीके पांडेय, रिटायर्ड आईपीएस अरुण उरांव, रिटायर्ड आईएएस सुचित्रा सिन्हा और आरपी सिन्हा ने भी भाजपा की सदस्यता ली। झारखंड में नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। यहां विधानसभा की 81 सीटें हैं।
विपक्षी दलों के जो विधायक भाजपा में शामिल हुए, उनमें बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाडंगी (झामुमो), मांडु से विधायक जेपी पटेल (झामुमो), लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत (कांग्रेस) और बरही विधायक मनोज यादव (कांग्रेस) और भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही (नवजवान संघर्ष मोर्चा) शामिल हैं। नवजवान संघर्ष मोर्चा का भाजपा में विलय हो गया है।
हालांकि कांग्रेस-झामुमो के ये विधायक पिछले कुछ महीनों से भाजपा के संपर्क में थे। विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट मिलने और मनपसंद सीट से चुनाव लड़ने की गारंटी देने के बाद इन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया।
इस दौरान सीएम रघुवर दास ने कहा कि देश-प्रदेश की जनता ने जातिवाद, वंशवाद व परिवारवाद की राजनीति को नकार दिया है। देश में अब विकास व राष्ट्रवाद की राजनीति चलेगी।
बकौल सीएम, भाजपा के राष्ट्रवाद व विकास से प्रभावित होकर विभिन्न दलों के नेता व अधिकारी शामिल हुए हैं। ये लोग पार्टी में प्रदेश के विकास व राष्ट्र की सेवा के लिए आए हैं।