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    Sunday, May 5, 2024
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      पुलिस हाजत में जेडीयू नेता की मौत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त, डीजीपी से मांगी रिपोर्ट

      “जदयू गणेश रविदास की मौत के बाद पार्टी के न तो मंत्री, न ही सांसद, न ही विधायक या किसी नेता ने ही कोई भी बयान दिया। शायद सत्ताधारी दल के लोग अपने सरकार पर दाग लगने नहीं देना चाहते थे….”

      बिहार शरीफ से दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नगरनौसा पुलिस कस्टडी मे जेडीयू नेता गणेश रविदास की कथित फांसी मामले में एनएचआरसी में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।  आयोग ने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को नोटिस भेजकर 6 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।

      jdu leader muder in nalanda ps 1बता दें कि जेडीयू नेता गणेश रविदास का फांसी कांड इन दिनों सुर्खियों में है। हालांकि पुलिस पूरी तरह इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी, मगर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान ले लिया।

      इधर सूत्र बताते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी से नहीं, बल्कि दम घुटने से मौत बताई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है।

      इस प्रकरण ने नालंदा पुलिस के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। एक बेकसूर महादलित नेता को इतना टॉर्चर किया गया कि उसने हमेशा के लिए दुनिया से अलविदा कह दिया।  

      जिस लड़की के बारे में इस शख्स को गिरफ्तार किया गया था, उस लड़की ने भी कोर्ट में यह बयान देकर लोगों के होश फाख्ता कर दिए कि उसे अगवा नहीं किया गया था बल्कि वह आपकी मर्जी से भागी थी।

      अब देखना यह होगा न्याय के मंदिर में एक महादलित समाजसेवी को क्या न्याय मिलता है।

      बरहाल मामला जो भी हो, लेकिन जदयू गणेश रविदास की मौत के बाद पार्टी के न तो मंत्री, न ही सांसद, न ही विधायक या किसी नेता ने ही कोई भी बयान दिया।

      इससे यह जाहिर होता है कि सत्ताधारी दल के लोग अपने सरकार पर दाग लगने नहीं देना चाहते थे। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के खुलासे के बाद नालंदा पुलिस हड़कंप मच गया है।

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