“पुलिस की कार्यशैली को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि कोई निर्दोष फंसे नहीं और दोषी बचे नहीं। इस नीति पर पुलिस को सदैव खरा उतरना चाहिए। पुलिस को आधुनिक हथियारों और अच्छी वाहनों की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इसके बाद भी अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसीलिए पुलिस को पहले से ज्यादा मुस्तैद रहने की जरूरत है….”
नालंदा (नीरज)। देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन पर राजगीर के पास मोरा गांव में नवनिर्मित बिहार पुलिस एकेडमी का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने सिपाही (महिला-पुरुष) प्रशिक्षण संस्थान का आधारशिला भी रखा। 190 करोड़ की लागत से 133 एकड़ भूखंड पर निर्मित भूकंप रोधी इस भवन में प्रशासनिक भवन सहित 46 भवन का निर्माण कराया गया है।
प्रशासनिक भवन में निदेशक, उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक के 16 कार्यालय कक्ष और 150 क्षमता का कॉन्फ्रेंस हॉल और स्वागत कक्ष का निर्माण कराया गया है। यहां अट्ठारह सौ प्रशिक्षु पुलिस अवर निरीक्षक और 140 पुलिस उपाधीक्षक (महिला-पुरुष) की आवासन एवं इसकी व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा पदाधिकारियों के लिए 25 आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया है। गेस्ट हाउस, फैकेल्टी गेस्ट हाउस और 250 प्रशिक्षकों के आवासन की अलग व्यवस्था है। परिसर में इक्वलिटी भवन, प्राइमरी स्कूल, अस्पताल, पावर सबस्टेशन, लॉन्ड्री, गैस गोदाम के अलावे 6 स्थानों पर बाच टावर का निर्माण कराया गया है।
पदाधिकारियों, प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं के लिए फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, कबड्डी, एथलेटिक्स ट्रैक, टेबल टेनिस और बैडमिंटन आदि की सुविधा बहाल की गई है।
राज्य के पहले पुलिस एकेडमी का उद्घाटन करते हुए सीएम ने कहा कि पुलिस की भूमिका कानून सम्मत होनी चाहिए। निर्दोष फंसे नहीं और दोषी बचे नहीं इसका हमेशा ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि लोकतंत्र का असली मालिक जनता है। यदि उनकी सही देखभाल नहीं होगी तो इसके लिए दोषी कभी बख्शे नहीं जाएंगे।
सीएम ने कहा कि यहां नवनियुक्त पुलिस उपाधीक्षक और अवर निरीक्षकों की ट्रेनिंग तो दी ही जाएगी इसके अलावे 4000 महिला और पुरुष सिपाहियों का भी ट्रेनिंग यहां दी जायेगी।
सीएम ने भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष से कहा कि वह तीन महीने के भीतर सिपाही ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कार्य शुरू करा दें। एक साल में भवन निर्माण पूरा करने का लक्ष्य उन्होंने निर्धारित किया।
उन्होंने कहा कि इस पुलिस एकेडमी के बड़े भाग का निर्माण हो चुका है। इसके बावजूद यहां निर्माण कार्य बहुत बाकी है। उसे तीन से छह महीना में पूरा करने का टास्क पुलिस भवन निर्माण निगम के अधिकारियों को सीएम ने दिया।
सीएम ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद पुलिस एकेडमी बिहार में नहीं था। इसकी भरपाई के लिए उन्होंने 13 अगस्त 2010 को इसका शिलान्यास किया था। इसे ढाई वर्षों में बनकर तैयार होना चाहिए था। लेकिन निर्माण कंपनियों की लापरवाही के कारण समय पर यह पूरा नहीं हो सका।
सीएम ने अपेक्षा की कि जितना भव्य यहां का भवन है। उतना ही उम्दा यहां के पदाधिकारियों और सिपाहियों को ट्रेनिंग मिलनी चाहिए। राजगीर के पास ही पुलिस एकेडमी का स्थल चयन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को लेकर यहां स्थल का चयन किया गया था। जब दुनिया के लोग पढ़ने के लिए यहां आएंगे तो इसे भी देखेंगे।
नालंदा विश्वविद्यालय के पुर्ननिर्माण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सात स्कूलों में पढ़ाई होनी है। नालंदा विश्वविद्यालय के बगल में पुलिस एकेडमी बना है। इसके बगल में ही सीआरपीएफ का ट्रेनिंग सेंटर है। पीटीसी और आरटीसी के अस्तित्व में आने के कारण राजगीर में अमन चैन तो कायम हुआ ही है। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों का पलायन भी हुआ है ।
पीटीसी के निर्माण में किसानों के द्वारा भूमि अधिग्रहण में सहयोग करने के लिए उनकी तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि यहां सिर्फ डीएसपी और सब इंस्पेक्टर का ही ट्रेनिंग नहीं बल्कि सिपाहियों की भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अब तक केवल नाथनगर नहीं ट्रेनिंग दी जाती थी अब राजगीर में भी ट्रेनिंग होगी तो सिपाहियों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि होगी। नीतीश कुमार ने पुलिस एकेडमी परिसर में तीन- तीन रो में पेड़ लगाने का सुझाव देते हुए अर्जुन वृक्ष लगाने का निर्देश भी दिया।
उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है। कानून का राज बनाए रखने में पुलिस की अहम भूमिका है। सरकार पुलिस अधिकारियों की चिंता करती है। तो पुलिस अधिकारियों को भी पब्लिक की चिंता करनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम न किसी को बचाते हैं और न किसी को फंसाते हैं। उन्होंने कहा की हर कीमत पर अपराध और अपराधियों पर लगाम लगनी चाहिए। यह पुलिस तंत्र से उनकी अपेक्षा है।
उन्होंने कहा कि उनके सरकार की आरंभिक सालों में पुलिस की खराब कार्यशैली के कारण ही सैफ को बहाल किया गया था। लेकिन बाद में पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। उन्हें हरसंभव सुविधाएं प्रदान की गई है। इसलिए अब पुलिस वालों को आवाम की रक्षा और सुरक्षा का ख्याल रखना उनका नैतिक दायित्व है।
सीएम ने कहा कि अपराध की वरीय पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा नियमित समीक्षा होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्हें मार्गदर्शन भी देना चाहिए। उन्होंने वरीय अधिकारियों से कहा काम नहीं करने वालों को बाहर करें और गड़बड़ करने वालों को हटाए।
उन्होंने कहा कि जब पुलिस मुस्तैदी से काम नहीं करती है और अपराधिक घटनाएं होती है तो विरोधी लोग और पब्लिक पुलिस पदाधिकारियों को नहीं सीधे सरकार को घेरने का काम करते हैं । इससे सरकार की प्रतिष्ठा धूमिल होती है। लोकतंत्र में असली अधिकारी जनता होती है। जनता के बीच अमन चैन स्थापित करना पुलिस का नैतिक दायित्व है।
लापरवाह अधिकारियों को उन्होंने चेताने के साथ हड़काया भी। समय पर अनुसंधान पुरा हो और समय पर न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल हो, इसके लिए थानों में अलग से अनुसंधान पदाधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिए। ताकि किसी भी मामले के अनुसंधान में अनावश्यक विलंब ना हो, कोर्ट को समय पर पुलिस रिपोर्ट पहुंचे।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सीएम के सोच का परिणाम है बिहार पुलिस एकेडमी का आलीशान भवन। उन्होंने कहा कि बिहार हर क्षेत्र में विकास का नया रिकॉर्ड बना रहा है। उसी तरह है पुलिस एकेडमी भी रिकॉर्ड बनाएगा।
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि यह अद्भुत भवन है। यहां प्रशिक्षण की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि आने वाला समय में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी भी प्रशिक्षण पाने के लिए उत्सुक हो सकें।
पुलिस विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने कहा कि पहले नाथनगर में ट्रेनिंग दी जा रही थी, जो पर्याप्त नहीं था। उन्होंने सीएम के दो गुरु मंत्र की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सोच बड़ी है और उत्कृष्टता का पायदान। यह एक आदर्श और उत्कृष्ट संस्थान के रूप में स्थापित हो यही उनकी अपेक्षा है।
बिहार के पुलिस महानिदेशक केएस द्वेदी ने कहा कि यहां 121 डीएसपी और 370 सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां आधुनिक सुविधाओं से युक्त सभी प्रकार की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था है।
पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सुनील कुमार ने पुलिस एकेडमी के निर्माण की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा आज का दिन केवल राजगीर के लिए नहीं बल्कि बिहार के लिए गौरव का दिन है। आज नए इतिहास का शुरुआत हुई है। जब तक यह पुलिस एकेडमी रहेगी तब तक नीतीश कुमार जी याद किए आते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कल मंगलवार से यहां नवनियुक्त अवर निरीक्षकों की ट्रेनिंग शुरू कर दी जाएगी। सोलह सौ मजदूर रात दिन काम कर इस भवन निर्माण को उद्घाटन के लायक बनाया है।
उन्होंने कहा कि 1951 से अब तक गैलेंट्री मेडल अवार्ड पाने वाले पुलिस पदाधिकारियों की सूची प्रशासनिक भवन में लगाई गई है। बंगलुरु के पुलिस पदाधिकारियों का दल और गृहमंत्री की टीम इस पुलिस एकेडमी को देखने के लिए की इच्छा व्यक्त की।
पुलिस एकेडमी के निदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि, पूर्व महानिदेशक के अलावे भारतीय पुलिस सेवा के डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी स्तर के दर्जनों पदाधिकारी इस उद्घाटन समारोह के गवाह बने।