“बहुमुखी प्रतिभा की धनी आश्रिता टुटी शिक्षाविद होने के साथ-साथ राजनेता भी थीं। 80 के दशक में वह क्षेत्रीय विश्वविद्यालय स्तर तक की सफल खिलाड़ी रहीं। रांची स्थित रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड में ऑफिस सुपरिटेंडेंट की नौकरी करते हुए उन्होंने हॉकी में एनआइएस की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने रेलवे से स्वैच्छिक अवकाश ले लिया।…..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिरसा मुंडा की वंशज आश्रिता टुटी नहीं रहीं। गुरुवार को रांची के एक निजी अस्पताल में उन्होंने पूर्वाह्न 11 बजे अंतिम सांस ली। शुक्रवार को हेसाग में उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
रांची कॉलेज के पास सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद से वह करीब एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थीं। अंग्रेजों की नाक में दम कर देने वाले भगवान बिरसा मुंडा के पोते की बेटी आश्रिता स्टेट लेवल की हॉकी खिलाड़ी और प्रशिक्षक रही थीं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ चले अन्ना के देशव्यापी आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया। इसी साल उन्होंने खूंटी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरीं। उन्हें 4,349 वोट मिले।
इसके बाद आश्रिता जनजातीय भाषा विभाग से जुड़ीं। पिछले सप्ताह जब उनकी दुर्घटना की खबर आयी, तो झारखंड के सीएम रघुवर दास ने खूंटी के उपायुक्त को तत्काल उनके बेहतर इलाज के लिए एक लाख रुपये देने के निर्देश दिये। आश्रिता को इलाज के लिए रुपये तो मिल गये, लेकिन उनकी जिंदगी नहीं बच सकी।
बिरसा मुंडा की वंशज और राज्य की इस खिलाड़ी, शिक्षाविद एवं राजनेता के निधन पर खेल जगत के साथ-साथ राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शोक व्यक्ति किया है।