नालंदा ( राम विलास) । प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की खोई हुई संस्कृति व विरासत को पुनर्जीवित कर एशिया महादेश सहित दुनिया के लिए नालंदा विश्वविद्यालय सेतु का काम करेगा।
उक्त बातें नालंदा विश्वविद्यालय की नयी कुलपति प्रोफ़ेसर सुनैना सिंह ने पहली संवाददाता सम्मेलन में शुक्रवार को यह कही।
राजगीर के इन्टर नेशनल कंवेन्सन हाल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय भवनों का निर्माण कार्य द्रतगति से चल रहा है । जैसे जैसे विश्वविद्यालय की व्यवस्था सुदृढ़ होगी वैसे वैसे स्कूल का विस्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय की वही ख्याति होगी जो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की थी । दुनिया के अन्य विश्वविद्यालयों की तरह नालंदा विश्वविद्यालय की भी शैक्षणिक व्यवस्था उत्कृष्ट होगी ।
प्रो. सिंह ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह अगस्त महीने में आयोजित किया जायेगा। उस दीक्षांत समारोह में 50 स्टूडेन्ट डिग्री प्रदान की जाएगी । इस दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया जाएगा।
कुलपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में कुल सात स्कूल होंगे । वर्तमान में तीन स्कूल का संचालन हो रहा है । विश्वविद्यालय वोर्ड ने इस बार दो और स्कूल खोलने का निर्णय लिया है । इसमें इंटरनेशनल रिलेशन स्टडी एवं लैंग्वेज स्टडी भी शामिल होगी।
कुलपति ने कहा कि सभी स्कूलों में एडमिशन के लिए सीट बढ़ाया जाएगा। अभी विश्वविद्यालय में 130 शिक्षार्थी अध्ययन कर रहे हैं। नये सत्र से 200 छात्र- छात्राओं की पढ़ाई की व्यवस्था यहाँ की जाएगी ।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को बढाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
कुलपति सुनैना सिंह ने कहा कि राजगीर का अतीत बड़ा ही गौरवशाली और वैभवशाली रहा है। राजगीर का वर्तमान अतीत जैसा नहीं है। इसके वैभवशाली अतीत को पुर्न जीवित कर फिर से विशव के मानचित्र पर इसे ले जाना है। इसके लिए नालंदा वासियों का सहयोग अपेक्षित है ।
कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में नालंदा विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय की कतार में खड़ा होगा । इसकी पहचान विश्व स्तरीय होगा । इसके लिए दुनिया के देशों को विश्वविद्यालय को जोड़ने की कबायद की जा रही है । विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति को आगे बढाने का काम लगातार कर रहा है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलपति पंकज एन मोहन, रजिस्ट्रार के चंद्रमूर्ति, संचार निदेशक अस्मिता पोलाईट भी मौजूद थे ।