कतरीसराय (नालंदा) / संतोष भारती। गांवों के विकास के लिए चलाये जा रहे मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में से एक शुद्ध जल आपूर्ति कतरीसराय प्रखंड में सरकारी धोषणा को मुंह चिढ़ाता प्रतीत हो रहा है। इस जन कल्याणकारी योजना को अधिकारी ही मिट्टीपलित कर रहे हैं।
जी हां हम बात कर रहे है कटौना गांव में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अंतर्गत बने पनी टंकी की, जिसके चहरदिवारी वारिश के पहले ही ध्वस्त हो गया है। जबकि पानी टंकी दो करोड़ रुपये की लागत से बना है। 60 हजार गैलेन पानी जमा करने की क्षमता है।
हद तो तब हो गया, जब 31मार्च 017 को प्रयोगात्मक रूप में पानी टंकी में पानी भरा जाता है तो चारो तरफ के निचले हिस्से में पानी चुने लगता है। वहीं टंकी भरने के लिए जब मोटर को चालू कर दिया जाता है तो पूरा गांव का चापाकल व कुंए सुख जाते हैं।
ग्रामीण रामदहिन सिंह, बब्लू सिंह, प्रवीण सिंह ,पवन सिंह, दीपक कुमार, वार्ड सदय सिताराम प्रसाद ,पूर्व मुखिया तनिक मांझी सहित सैकड़ों लोगों का आरोप है कि टंकी निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग में लाए गए हैं। पानी के लिए बोरिंग में भी उपर के लेयर में जाली लगाया गया है तथा राशि की बंदर बांट किया गया है। इन बातों से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है।
गांव के विकास के लिए अरबों रुपये पानी के तरह बहाया जा रहा है। ताकि मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के तहत स्वच्छ व निर्मल ग्राम पंचायत की परिकल्पना पूरी हो। किन्तु प्रखंड के कटौना गांव दक्षिण टोला में पानी टंकी को देखते से स्पष्ट होता है कि सरकारी घोषणा महज कागजी है।