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    Saturday, November 23, 2024
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      हमारी समुदाय की पारंपरिक व्यवस्था व सांस्कृतिक रक्षक है हड़ियाः मधु कोड़ा

      चाईबासा (संवाददाता)। आदिवासी हो समुदाय की सामाजिक मिलन समारोह,धार्मिक एकता एवं सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की संकल्प को लेकर प्रति वर्ष तरह “उपरुम जुमुर” वार्षिक सामा कार्यक्रम आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से चाईबासा ताँबो स्थित खुँटकांटी मैदान के सामने आयोजित किया गया ।

      कार्यक्रम में भारतवर्ष से आदिवासी हो समुदाय के लोग शामिल हुये । यह कार्यक्रम प्रातः आठ बजे से महासभा के धर्म सचिव श्री दास राम बारधा के द्वारा पारंपरिक पूजा अर्चना कर शुभारंभ की गयी । जिसमें हो हमुदाय की शांति,भाईचारा एवं सर्वांगीण विकास की देशाउली सिंहबोंगा से प्रार्थना की गई ।

      कार्यक्रम में झारखड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मधु कोड़ा,क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक श्री अरविंद विजय विलुंग, जिला परिषद अध्यक्षा लालमुनी पुरती,जिप उपाध्यक्ष चाँदमुनी बलमुचु,पूर्व चाईबासा नगर पर्षद अध्यक्ष गीता बलमुचु,मुख्यालय डीएसपी प्रकाश सोय,झारखण्ड प्रशासनिक सेवा के शंकराचार्य सामड,नियति सामड आदि सहित हो समुदाय के बुद्धिजीवी एवं प्रबुद्ध नागरिक काफी संख्या में शामिल हुये ।

      लोगों की आगमन के साथ सार्वजनिक मंच से बारी-बारी से अपनी- अपनी परिचय दी और समाज में सदा मुख्यधारा में बंधे रहने की संकल्प ली ।

      कार्यक्रम के संबोधन में पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि अन्य समुदाय के लोग हो समाज को हंडिया पीने के नाम पर जानते हैं परंतु लोगों की यह मानना हमारी समुदाय की अवमानना है और हंडिया हमारी समुदाय की पारंपरिक व्यवस्था व सांस्कृतिक रक्षक है । इसकी बाजारीकरण के वजह से अन्य समुदाय हमें कम ही मान्यतः देते हैं ,बाजारीकरण पर कटौती की जाये इसलिये हमें समाज की मान्यतः के प्रति जिम्मेवार बनना होगा और जागरुक समाज का निर्माण करना होगा ।

      आरडीडीई श्री विलुंग ने कहा कि क्षेत्रीय जनजातीय भाषा एवं संस्कृति की रक्षा व पुनरूत्थान हेतु आदिवासी हो समुदाय की सामाजिक सहयोग से प्रशिक्षण केन्द्र,कार्यशाला एवं विभिन्न अनुसंधान केन्द्र का स्थापना करके समाज को बचाने की सराहनीय कदम उठायी गयी है । अगर इसी तरह से समाज की सहयोग रहेगी तो हो समाज नई ऊँचाई छू सकती है ।

      जिप अध्यक्ष लालमुनी पुरती ने कही कि सरकार की ओर से कला एवं संस्कृति विभाग है हमारी संस्कृति को बचाने में कल्याणकारी योजना का लाभ लेने होंगे ,इसके साथ ही अन्य सरकारी लाभ के प्रति भी हमें जागरूक होना होगा ।

      डीएसपी प्रकाश सोय ने कहा कि हो समाज की उपरूम जुमुर एक अंतराष्ट्रीय स्तर का सामाजिक समारोह है ,मिलन समारोह के साथ- साथ समाज के बच्चों को पढ़ाना लिखाना है। आज सामाजिक संगठन की ओर से ऐसा ऐतिहासिक सामाजिक कार्यक्रम काफी प्रशंसनीय है ।

      कार्यक्रम में अपराह्न के बाद लोगों की काफी भीड़ हुई और आयोजन समिति की ओर से सांस्कृतिक रंगारंग का प्रस्तुति की गयी तथा सामुहिक रुप से नृत्य कर सामाजिक मिलन समारोह की लोगों ने आनंद ली ।

      इस अवसर पर युवा महासभा के भुषण पाट पिंगुवा, इपिल सामड, बबलु सुन्डी, भूषण लागुरी,सोमा कोड़ा, कश्मीर सिंह सिरका, गब्बरसिंह हेम्ब्रम, सुरा बिरूली, शेरसिंह बिरूवा, गोबिन्द बिरूवा, मंजीत कोड़ा, प्रधान बानसिंह, रामलक्ष्मण सामड, मनोज लागुरी, बोयो गागराई ,शंकर सिदु, सोना सेलेम हाँसदा आदि काफी संख्या में लोग मौजूद थे ।

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