रांची। झारखंड धर्म स्वतंत्र और भू अर्जन संशोधन बिल को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। अब दोनों बिलों को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। ये दोनों बिल झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में 12 अगस्त को पारित हुआ था। इसके बाद इसे राज्यपाल को भेजा गया था।
धर्म स्वतंत्र विधेयक में बलपूर्वक धर्मांतरण कराने वालों को तीन साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। अगर किसी नाबालिग, महिला या एससी-एसटी का जबरन धर्मांतरण कराया गया तो चार साल की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना लगेगा।
धर्म स्वतंत्र बिल : जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन साल की सजा 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा।
भू-अर्जन संशोधन बिल : अधिग्रहण से पहले सोशल ऑडिट की बाध्यता खत्म हो जाएगी। पर ग्राम सभा की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
वहीं भूमि अर्जन सशोधन विधेयक में भूमि अधिग्रहण करने से पहले सोशल ऑडिट कराने की बाध्यता खत्म हो जाएगी। इस संशोधन के बाद विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, अस्पताल, पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्रों, रेल, सड़क सहित अन्य जरूरतों के लिए भूमि अधिग्रहित करने से पूर्व सोशल ऑडिट नहीं कराना पड़ेगा।
लेकिन ग्राम सभा की स्वीकृति अनिवार्य होगी। पहले सोशल ऑडिट के प्रावधान को पूरा करने में सरकार को काफी वक्त लगता था। इससे कई काम समय पर पूरे नहीं हो पाते थे।
अब राष्ट्रपति की इस संशोधन विधेयक पर मंजूरी मिलने के बाद राज्य में इस कानून को लागू किया जा सकेगा। पहले राष्ट्रपति के माध्यम से गोवा, गुजरात, तेलंगाना सहित कई अन्य राज्य भी जमीन अधिग्रहण में सोशल ऑडिट की बाध्यता से छूट ले चुके हैं।