“ बिहार के सीएम नीतीश कुमार उर्फ सुशासन बाबू के घर आंगन नालंदा जिले में फर्जी शिक्षकों की बहाली के बागड़ बिल्लों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही है, जबकि इसकी जानकारी चंडी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड विकस पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिलाधिकारी तक को है। इस रिपोर्ट में अधिकारिक आकड़े सिर्फ चंडी प्रखंड क्षेत्र के हैं। अगर जिले में एकमुश्त जांच हुई तो फर्जी शिक्षकों की संख्या सैकड़ों में उभर कर सामने आयेगी ”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा के चंडी प्रखंड में फर्जी शिक्षक नियोजन का भूत एक बार फिर सामने है। भले ही इस मामले को लाख दबाने का प्रयास किया जाता रहा हो लेकिन गाहे बगाहे शिक्षक बहाली का जीन फिर सबके सामने है।
चंडी प्रखंड में प्राधिकार की आड़ में चल रही शिक्षक बहाली की जानकारी नालंदा डीएम को हैं, डीईओ को है, डीपीओ को हैं और बीईओ भी सब जानती हैं। सबकी जानकारी के बाद भी इस फर्जी बाडे को रोकने के बजाय शिक्षक नियोजन के भ्रष्टाचार की गंगोत्री में सब बहे जा रहे हैं। बीईओ मुखिया पर, पंचायत सचिव जाली हस्ताक्षर की बात कहकर अवैध बहाली का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं।
कुछ दिन पूर्व चंडी प्रखंड में शिक्षक बहाली में धांधली को लेकर जिला परिषद अध्यक्षा भी डीपीओ के साथ जांच के लिए पहुँची थी। लेकिन मामला ठाक के तीन पात रहा। मंगलवार को चंडी में पंचायत समिति की बैठक में एक बार फिर अवैध बहाली को लेकर कुछ पंचायत के मुखिया ने हंगामा किया।
बैठक में मौजूद बीईओ बिंदु कुमारी ने सदस्यों को बताया कि जिन पंचायत में अवैध बहाली हुई है वहाँ के पंचायत सचिव के जाली हस्ताक्षर से बहाली की गई है।जहाँ जहाँ बहाली हुई है, वहाँ के हेडमास्टर को निर्देश दिया जाएगा कि उन शिक्षकों पर केस दर्ज किया जाए। इससे पहले 24 मार्च को भी पंचायत समिति की बैठक में बीईओ ने प्राधिकार की आड़ में बहाली की जांच की बात कही थी।
बीईओ ने एकस्पर्ट मीडिया न्यूज से बातचीत में भी 33 शिक्षकों की बहाली की बात स्वीकार की हैं। हालांकि इस फर्जी बहाली के सूची उससे इतर कहीं अधिक है।
सवाल उठता है कि जब चंडी में शिक्षकों की फर्जी बहाली की जानकारी बीईओ को है तो अब तक फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों नही?
चंडी में व्यापक पैमाने पर शिक्षकों की अवैध बहाली की गई और अब भी बहाली हो रही है। यहाँ तक कि जिन अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं हुआ उन्होंने जब सूचना के अधिकार से जानकारी मांगी तो उनका भी नियोजन कहीं न कहीं कर दिया गया ।
नालंदा के चंडी प्रखंड में गुरू बनाओ धंधे का एक बड़ा रैकेट चल रहा है । इन दिनों प्रखंड में शिक्षा माफियाओ द्वारा पंचायतों में शिक्षक बहाली के नाम पर चार से पांच लाख रूपये वसूली का काला खेल चल रहा है। बाबजूद विभाग चिमाई साधे है।विभाग अब तक फर्जी नियोजन रोकने में बिल्कुल पंगु रहा है ।
चंडी में प्राधिकार के आदेश पर पिछले दो माह में लगभग 14 सीट पर शिक्षकों की बहाली हो गयी है। जबकि डेढ़ साल में 42 गुरूजी बहाल हो गए। जबकि एक शिक्षक की नियुक्ति में 4 से 5 लाख रुपया लिया जाता है। इस फर्जी शिक्षक नियुक्ति के खेल में पंचायत सचिव और मुखिया का महत्वपूर्ण भूमिका है। वही इस खेल में बीआरसी कार्यालय भी शामिल है। हद तब हो जाती है कि सभी प्राधिकार से बहाल हुए शिक्षकों की उपस्थिति अलग रजिस्टर में बनती है।
24 मार्च को हुई पंचायत समिति की बैठक में फर्जी शिक्षक की बहाली का मुद्दा पर हंगामा हुआ था। जिस पर बीईओ बिंदु कुमारी ने कहा कि प्राधिकार के माध्यम से बहाली की सूचना हमारे पास नहीं आती है। इसकी बहाली मुखिया व पंचायत सेवक करते हैं । फिर भी इस मामले की जांच उनके द्वारा कराया गया था। जिसमें अवैध शिक्षक बहाली का मामला सामने भी आया है।जिसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दी गई हैं ।
एक प्रधानाध्यापक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि प्रखंड में जितने भी अवैध शिक्षक जिनका योगदान हो रहा है। उसमें बीआरसी कार्यालय का भी संलिप्ता रहती है। अगर हमलोग शिक्षक का योगदान नहीं लेते है तो बीआरसी कार्यालय से तुरंत दूरभाष पर योगदान लेने का निर्देश मिलता है। फिर भी योगदान लेने से माना करते है तो हमलोग को प्रताड़ित किया जाता है।
बीईओ की मानें तो सालेपुर में छह, बढौना में दो, भगवान पुर में दो, गंगौरा में एक, बेलक्षी में एक, नरसंढा में तीन, सरथा में दो, रूखाई में चार तथा महकार में तीन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। जबकि बाद में सिरनामा में पांच, भगवान पुर में दो तथा महकार में तीन शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है।
शिक्षा विभाग के पूर्व प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिन्हा ने 30.10.2010 तक द्वितीय शिक्षक नियोजन के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग कर नियोजन पत्र देने का निर्देश देकर उक्त निर्धारित तिथियों के उपरान्त कोई भी नियोजन नहीं करने का दिशा निर्देश जारी किया था। केवल विवादित मामलों में अपीलीय प्राधिकार के आदेश एवं विशेष विभागीय निर्देश के आलोक में कोई नियोजन किया जाएगा।
सिर्फ इतना ही नही गलत तरीके से नियोजित शिक्षक बेखौफ स्कूलों में पढ़ाने के साथ मानदेय भी उठा रहे हैं। अगर किसी शिक्षक का मामला फंस जाता है तो यही लोग शिक्षक को मानदेय दिलाने का काम करते हैं। आखिर सरकार और विभाग कब ऐसे गुरूघंटालों पर कार्रवाई करेंगी।
एकस्पर्ट मीडिया न्यूज से बातचीत करते हुए बीईओ बिंदु कुमारी ने बताया कि चंडी प्रखंड में 33 शिक्षकों की बहाली हुई है। जिनकी जांच बीडीओ करेंगे। एक प्रश्न के जबाब में उन्होंने कहा कि सभी 33 शिक्षकों को वेतन भुगतान नही किया जा रहा है।
बीईओ से जब उक्त शिक्षकों की सूची की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि सूची लेकर क्या कीजिएगा, छोड़िये अभी रहने दीजिये, बीडीओ जांच करेंगे।