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    Monday, May 6, 2024
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      संदर्भ डॉक्टर वायरल वीडियोः हिलसा थानाध्यक्ष ने दी यूं अनपच जानकारी

       “इस वीडियो को देखने से साफ प्रतीत होता है कि सीएम नीतीश कुमार की अति महात्वाकांक्षी कदम शराबबंदी को उनके ही गृह जिले में ‘पुलिस-प्रशासन’ ने  कैसे एक बड़ा मजाक बना दिया है और प्रदत कड़े अधिकार को काली कमाई का जरिया बना रखा है…..”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के हिलसा क्षेत्र में शराबबंदी कानून की आड़ में अवैध ऊगाही की जा रही है। एक बार फिर इसका खुलासा तब हुआ, जब हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर ने नशे में धुत्त दो वाहन चालक को पैसे लेकर अपनी मेडिकल जांच में ‘नो-अल्कोहल’ का सार्टिफिकेट दिया और उसके बाद पैसे की लेन-देन से संबंधित एक वीडियो वायरल हो गया।

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      हिलसा थानाध्यक्ष प्रेमराज सिंह…..

      डॉक्टर खुद 15 हजार रुपए लेने की बात स्वीकार करता है। पांच हजार उस पुलिस वाले ने लिया, जो आरोपी शराबी की मेडिकल जांच कराने अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टर कहता है कि थानाध्यक्ष तक पैसा नहीं गया। इसलिए बात नहीं बनी। अब दोबारा जांच में वह खुद फंस रहा है।

      इस मामले को लेकर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के साथ बातचीत में थानाध्यक्ष प्रेमराज सिंह ने बड़ी चौंकाने और अनपच होने वाली बात कही है। उनकी बातचीत से साफ प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं वे अपने पुलिस अफसरों के साथ दोषी डॉक्टरों को बचाने का प्रयास हो रहा है।

      थानाध्यक्ष ने बताया कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में शराब जांच के उपकरण नहीं हैं। इसीलिए शराब पुष्टि के लिए बिहारशरीफ भेजा गया। जहां दोनों आरोपियों में 200 एमएल शराब सेवन की पुष्टि हुई है।

      थानाध्यक्ष का यह भी कहना है कि उनके पास साधन नहीं है कि पटना पीएमसीएच ले जाकर जांच कराएं। बिहारशरीफ सरकारी अस्पताल में भी जांच नहीं हो सके। फिर उसके सामने दूसरे स्थान पर जांच कराई गई, जहां 200 एमएल शराब की पुष्टि हुई। 

      जब थानाध्यक्ष से यह जानने की कोशिश की गई कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में जिस डॉक्टर द्वारा आरोपी को नो अल्कोहल का सर्टिफिकेट दिया गया, उससे जुड़े एक वायरल वीडियो में पैसे की लेन-देन की बातें कही जा रही है? तो उनका कहना था कि डॉक्टर खुद को बचने के लिए कुछ भी कह सकता है। इसमें वे कुछ नहीं कर सकते।

      अब सबाल उठता है कि क्या हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में अदद शराब सेवन की जांच के उपकरण उपलब्ध नहीं हैं? जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में भी उसे कहीं अन्यत्र मेडिकल जांच कराने की नौबत आ गई?

      अगर ऐसी बात है तो स्वास्थ्य सेवा के लिए इससे बड़ी शर्मनाक स्थिति क्या हो सकती है। वह भी सीएम के गृह जिले क्षेत्र की। जहां सुशासन और विकास की हर तरफ मिसालें पेश की जा रही है!

      शराबबंदी की आड़ में कामाई की पोल खोलता हिलसा अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर की वारयल वीडियो….

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