पटना (बिहार ब्यूरो)। भाजपा के बागी सांसद शत्रुहन सिन्हा अपने मुखर स्वभाव के लिए जाने जाते है। भाजपा में रहकर ही पार्टी की नीतियों के खिलाफ बोलना उनकी आदत बन गई है। भाजपा अब उनकी बातों को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्हें अभी तक पार्टी से बाहर का रास्ता भी नहीं दिखा रही है।
इसके पीछे कहीं न कहीं पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से ‘बिहारी बाबू’ का विकल्प न होना माना जा रहा है। हालाँकि कई नाम भाजपा में उछल रहे हैं, लेकिन सभी बिहारी बाबू के कद के आगे बौने दिख रहे हैं । वे एक बार फिर भाजपा और उनकी नीतियों पर अपनी बेबाक राय देते दिखे।
भाजपा सांसद ने एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल के विशेष कार्यक्रम में कहा कि वें ‘बागी’ नहीं है। बल्कि वे सच बोलते हैं। उनका सच बोलना ही कुछ लोगों को ‘बागी’ लगता है।
उन्होंने बीजेपी पर मोदी के एकाधिकार की बात करते हुए कहा कि आज पार्टी वन मैन शो और टू मैंन आर्मी हो गयी है।
शत्रुहन सिन्हा ने साफ किया कि पटना साहिब लोकसभा सीट पर ही वें चुनाव लड़ेगे। इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए। यह उनकी पहली पसंद है। वैसे राजनीति में कुछ भी संभव है।
एक सवाल के जबाब में शत्रुहन सिन्हा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं स्वयं गंगा किनारे का छोरा हूँ। पटना साहिब न सही इस बार मुझे भी मां गंगा ने बुलाया है। हो सके तो बनारस से भी अपनी किस्मत आजमा सकता हूँ। लेकिन अभी यह भविष्य के गर्त में है।
उन्होंने साफ किया कि फिलहाल वें भाजपा के ही सांसद है।
सिने स्टार ने कहा कि पीएम से उनकी कोई लड़ाई नहीं है। वे उनके अच्छे मित्रों में से एक हैं। मेरे घर वैवाहिक कार्यक्रम में भी वें शामिल हुए हैं। मैंने कई अवसरों पर उनके काम की प्रशंसा की है। उनका विरोध मोदी से नहीं है मुद्दों से है, व्यक्तिवाद से है।
उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा देशहित में लिए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले जनता और देशहित में सफल नहीं रहे, जिसको लेकर मैंने हमेशा पार्टी को आईना दिखाने का प्रयास किया।
भाजपा के ‘शत्रु’ ने पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की उपेक्षा पर कहा कि उन्हें जो सम्मान मिलना चाहिए पार्टी ने नहीं दी। उनको राष्ट्रपति पद दिया जा सकता था, हो सकता है वो खुद ही मन कर देते।
शत्रुहन सिन्हा ने अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें आडवाणी खेमे होंने की वजह से मंत्री भी नहीं बनाया गया। इसका मुझे दुःख नही है। जबकि वे सबसे ज्यादा मत प्रतिशत से चुनाव जीतने वाले सांसद हैं।
उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम किया है। उनके ही प्रयास से पटना में AIIMS का सपना पूरा हुआ। लेकिन वो इन सब बातो को खुद नहीं कहना नहीं चाहते हैं।
फिलहाल लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन नहीं है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा अपने बागी सांसद को लेकर कितना उदार रह पाती है या फिर श्री सिन्हा का अगला कदम क्या होगा?