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    Sunday, May 5, 2024
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      यूं अगरबत्ती जला नालंदा डीएम और डीडीसी ने मनाई संविधान निर्माता की जयंती

      विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हमारे देश भारत के संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेड़कर ने महात्मा फूले की शिक्षा संबंधी सोच को परिवर्तन की राजनीति के केन्द्र में रखकर संघर्ष किया था। वे सामाजिक परिवर्तन के ध्वज बाहक थे। डा. अम्बेड़कर ने महात्मा फूले द्वारा कुरीतियों के खिलाफ शुरू किए गए आन्दोलन को विश्वव्यापी बनाया”

      बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार शरीफ शहर के अंबेडकर चौक पर आज शनिवार को बाबा साहेब के प्रतिमा पर अगरबत्ती प्रज्जवलित कर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 127 वीं जयंती अनुसूचित जाति / जनजाति कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र नाथ की अध्यक्षता में मनाई गई।dm dc nalanda ambedkar jayanti 2

      इस मौके पर समारोह के मुख्य अतिथि नालंदा जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस एम तथा विशिष्ट अतिथि उपविकास आयुक्त सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में बाबा साहेब का योगदान विशेषकर संविधान का प्रारूप तैयार करने में उनके योगदान की स्मृति में पूरे देश में समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। पूरे देश में आज सामाजिक सद्भावना दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने नालंदा वासियों को अपनी शुभकामनाएं दी है ।

      समारोह में अध्यक्षीय सम्बोधन में  शैलेन्द्र नाथ ने जिलेवासियों व सभी सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यकम का संचालन संघ के उपाध्यक्ष भोला पासवान ने किया।

       अनुसूचित जाति / जनजाति कर्मचारी संघ नालंदा के महासचिव हरेन्द्र चौधरी ने कहा कि 20 वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक, तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ, अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी,  व्यक्ति के रूप में डॉ. आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

      dm dc nalanda ambedkar jayanti 3उन्होनें कहा कि डॉ. अम्बेदकर एक भारतीय विधिवेत्ता होने के साथ ही बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी भी थे। बाबा साहब एक अछूत और मजदूर का जीवन जी कर देख चुके थे, वे कुली का भी काम किए तथा कुलियों के साथ रहे भी थे। उन्होंने गांव को वर्णव्यवस्था का प्रयोगशाला कहा था।

      बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ के राज्य परिषद सदस्य राकेश बिहारी शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि युगपुरूष, विश्व भूषण, भारत रत्न भीमराव अम्बेडकर जी आंबेडकर बाबा साहेब के नाम से लोकप्रिय,  भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार,  भारतीय विधिवेत्ता , अर्थशास्त्री , राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे।

      इस मौके पर नालन्दा जिला वरीय उपसमाहर्ता रविंदर राम, अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार, भोला पासवान, सतेंद्र कुमार भारती, रमेश पासवान, नरेश दिक्षित, रंजीत कुमार, रंजीत पासवान, धनराज कुमार, महेंद्र कुमार, संतोष कुमार, अरविन्द पासवान, अवधेश चौधरी, अरविंद पासवान, उपेन्द्र कुमार, अनिल पासवान,सत्येन्द्र पासवान, भारतेंदु कुमार, शिवधर पासवान, शंभू पासवान, ओम कुमार पासवान, सोनू रजक, जयराम दास, अवधेश पासवान, सत्येन्द्र मुकुट, ब्रजेश कुमार, अशोक कुमार निराला, सूर्यनन्दन चौधरी, शिक्षक नेता संजय कुमार सिन्हा समेत तमाम शिक्षक, कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

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