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    Sunday, May 5, 2024
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      मुबारक हो नीतीश, आपको अपनी उजली कमीज

      “वेशक नीतीश कल भी सीएम थे और निःसंकोच वे आज भी सीएम हैं। कल तक उन्हें राजद की जरूरत थी और आज भाजपा की।”

      lalu nitishशायद उन्होंने अपनी छवि कुछ गढ़ी ही ऐसी है कि बिहार की सत्ता के लिए वे अपरिहार्य नजर आते हैं। वे खुद इस बात को बखूबी जानते-समझते भी हैं। इसका भरपूर फायदा भी उन्होंने उठाया।

      जरा देखिये, जब भाजपा का साथ असहज महसूस हुआ तो राजद साथ आ खड़ी हुई और जब राजद ने उन्हें असहज किया तो भाजपा कदमताल करने लगी। पर इससे नीतीश को मिला क्या? जहां कल थे, वहीं आज हैं।

      उन्होंने हासिल को हासिल किया और एक ऐसा मौका खो दिया, जो उन्हें इतिहास पुरुष बना सकता था। उजली कमीज को और चमकाने के चक्कर में अब तो वे खुद इतिहास के पन्ने में दफन हो रहे हैं। उनका नायकत्व, उनका कद अचानक बौना हो गया। वो उम्मीदें परवान चढ़ने से पहले ही दम तोड़ गयीं, जो करोड़ों भारतीयों ने पालीं थीं।

      pm modi nitish kumarये तमाम भारतीय निराशा की गर्त में हैं, जो नीतीश को मोदी के लिए चुनौती मान रहे थे। शर्त लगा रहे थे कि अगले प्रधानमंत्री नीतीश होंगे। नीतीश की प्रशासनिक क्षमता, उनका विज़न, मतदाताओं में उनकी अपील और छवि भी पूरी गंभीरता से इस बात का समर्थन करती थी।

      बस इसका रास्ता लम्बा और संघर्ष का था लेकिन संघर्ष की राजनीति की पैदाइश नीतीश में शायद अब इतना माद्दा ही नहीं बचा कि वे फिर सड़क पर उतरते।

      उन्होंने सुविधाजनक राह चुनी और सस्ती लॉन्ड्री में अपनी कमीज धुलवाकर खुश हो गए। वे सब समझकर भी मोदी के धोबीपछाड़ से अनजान बने रहे।

      उनके सीएम बने रहने पर भले आपत्ति न हो लेकिन उसके लिये जो रास्ता अपनाया, उसे कोई सही कैसे ठहरा सकता है। वे सीएम थे। वे सीएम हैं।

      इस बीच ‘हैं’ को साबित करने के लिये बतौर सीएम साबित करने के लिये असीम अधिकार थे। लेकिन शायद उनकी कमीज उतनी सफेद नजर नहीं आती, जितनी अब दिख रही है… मुबारक हो नीतीश आपको उजली कमीज और बिहार की सूबेदारी।

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