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जहां अफसर निकम्मा और नेता संरक्षक हो, राजगीर के इस शिवनंदन को कोई क्या बिगाड़ लेगा?

rajgir news 2नालंदा ( राम विलास )।  राजगीर गेस्ट हाउस के स्वामी-संचालक की दिन पर दिन मुश्किलें बढ़ती जा रही है। एक तरफ जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के द्वारा बिजली पानी का कनेक्शन काटने के आदेश निर्गत किये गये हैं तो दूसरी तरफ राजगीर के अंचलाधिकारी द्वारा मलमास मेला सैरात भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की नोटिस थमाई गई है। राजगीर के नगर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा राजगीर गेस्ट हाउस के खिलाफ दूसरी नोटिस दो जून को जारी किया गया है।

इस नोटिस ने गेस्ट हाउस के स्वामी की परेशानी को और बढा दिया है। जारी नोटिस में तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य बंद कराने के आदेश दिए गये हैं । अनुपालन नहीं करने पर 10 लाख रुपए जुर्माना करने की चेतावनी दी गई है। हालाँकि राजगीर गेस्ट हाउस के स्वामी-संचालक शिवनंदन प्रसाद ने नोटिस पढने के बाद लेने से इनकार कर दिया है । नोटिस पुनः नगर पंचायत कार्यालय वापस लौट गयी है । अनुसेविका सोनी देवी ने वापस नोटिस पर लिखी हैं कि नोटिस लेने से इनकार कर दिये।

मिली जानकारी के अनुसार राजगीर गेस्ट हाउस का निर्माण मलमास मेला सैराता भूमि पर कराया गया है। इस गेस्ट हाउस के तीसरे तल्ले का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। नगर पंचायत में किसी भी भूमि पर भवन निर्माण को लेकर नक्शा पास कराना जरूरी है। लेकिन राजगीर गेस्ट हाउस के स्वामी के द्वारा बगैर नक्शा पास करवाए भवन निर्माण कराया जा रहा है। जो नगर पालिका एक्ट के अनुकूल नहीं है । निर्माण कार्य मे छत ढलाई की तैयारी पुरी कर ली गई है । भलाई का कार्य शीघ्र होगा ।

नगर पंचायत कार्यालय द्वारा निर्गत नोटिस में कहा गया है कि एतद् द्वारा आपको सूचित किया जाता है कि आप को नगर पंचायत राजगीर कार्यालय के ज्ञापांक संख्या 1603, दिनांक 08/05 /2017 से निर्माण कार्य बंद करते हुए कार्यालय को लिखित रूप में सूचित करने का आदेश दिया गया था । लेकिन न तो कार्य बंद किया गया और न हीं सूचना दी गई है।

विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि आपके द्वारा आज भी निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो गलत है। पत्र प्राप्ति के तुरंत बाद अपना निर्माण कार्य बंद करते हुए अपने जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज के साथ दिनांक 06/06 / 2017 दिन मंगलवार को कार्यालय अवधि में आधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें । अन्यथा बिल्डिंग बायलॉज की धारा 313, 315 एवं नगरपालिका अधिनियम 2007 की उप धारा 324 के आलोक में आपके विरुद्ध सरकारी आदेश की अवहेलना करते हुए एवं नगर प्रशासन द्वारा निर्गत आदेश की अवमानना करने के विरुद्ध निर्माण को ध्वस्त करने तथा 10 लाख रुपये जुर्माना वसूलने की कार्यवाही की बाध्यता होगी

सूत्रों के अनुसार जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार ने राजगीर गेस्ट हाउस के बिजली-पानी का कनेक्शन काटने का निर्देश जारी किया गया था । इसके अनुपालन कराने का निर्देश राजगीर की तेजतर्रार अनुमंडल पदाधिकारी को दिया गया था ।

लेकिन प्राधिकार से नोटिस निर्गत होने के 2 महीने बाद भी अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा इसका अनुपालन नहीं कराया गया है । इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि संबंधित विभाग को पत्र भेज दिया गया है । बिजली- पानी का कनेक्शन काटना उनका काम है ।

मेला सैरात भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए स्पष्ट करते हैं कि इसके नोडल पदाधिकारी अंचलाधिकारी राजगीर बनाए गए हैं। उनके द्वारा कार्यवाही की जा रही है। बिजली-पानी कनेक्शन काटने का मामला अब प्रमंडलीय आयुक्त पटना के कोर्ट में चला गया है। अगली तिथि पर अनुमंडल पदाधिकारी को सदेह उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश निर्गत किया गया है।

यहां सवाल उठता है कि प्राधिकार और नगर पंचायत प्रशासन के आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा है ? इसके लिए कौन दोषी है ? सरकारी महकमे के पदाधिकारी या आरोपी ? राजगीर गेस्ट हाउस के स्वामी-संचालक, पदाधिकारियों के आदेश को धनिया घर भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि न तो वह भवन का निर्माण कार्य बंद कर रहे हैं और न हीं नगर प्रशासन द्वारा निर्गत पत्र को ग्रहण कर रहे हैं । इसके पीछे का बहुत बड़ा राज छिपा है।

राज यह है कि यहाँ के कई पदाधिकारी गेस्ट हाउस स्वामी के संरक्षण में है । बिहार सरकार के एक कैबिनेट मिनिस्टर का भी वरद हस्त इन्हे प्राप्त है । रविवार की सुबह आठ बजे मंत्री जी गेस्ट हाउस पहुँचे । शायद इन्ही कारणों से यहां के पदाधिकारियों को वह कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं।

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