शिक्षादेशबिग ब्रेकिंगबिहार

KK पाठक की व्यवस्था को यूं पलीता लगाने पर उतरे प्रभारी ACS डॉ. सिद्धार्थ

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। एक माह की छुट्टी पर गए बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा व्यवस्था सुधार करने की दिशा में उठाए गए कदम को उनके ही अतिरिक्त प्रभारी डॉ. एस सिद्धार्थ पलीता लगाने पर उतारु दिख रहे हैं।

उन्होंने पहले बच्चों को स्कूल आने की कड़ाई को ढीला किया कि अब जो बच्चे स्कूल नहीं आएंगे, उनका नाम नहीं काटे जाएंगे। इससे प्रायः उन अभिभावकों को राहत मिलेगी, जो अपने बच्चे को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं और नामांकण एवं उसकी सुविधा सरकारी स्कूल से उठाते हैं। काफी संख्या में बच्चे बंक भी करेंगे, सो अलग।

अब अतिरिक्त प्रभारी अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के आदेश से बड़ी मुश्किल से लाइन पर आए सरकारी स्कूल के शिक्षकों को कहा जा रहा है कि यदि वे स्कूल के पांच सौ मीटर की परिधि में हैं तो वेतन नहीं कटेगा।  वे एप पर इन और आउट कर सकते हैं।

अब शिक्षकों की जिम्मेवारी होगी कि वे समय पर स्कूल पहुंचें और एप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करें। सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को टैब दिया जाएगा।

इस टैब के माध्यम से प्रतिदिन शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सहित मध्याह्न भोजन की जानकारी प्राप्त की जाएगी। अब वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति की रिपोर्ट नहीं ली जाएगी, बल्कि अब यह सारा कार्य तकनीकी आधारित प्रतिदिन की उपस्थिति शिक्षा विभाग द्वारा तैयार ई-शिक्षाकोष पोर्टल (एप) से किया जाएगा।

शिक्षक एप से प्रतिदिन की उपस्थिति करेंगे दर्जः अब शिक्षक एप में मौजूद सिस्टम के माध्यम से अपनी प्रतिदिन की उपस्थिति दर्ज करेंगे। एप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए प्रधानाध्यापक और शिक्षक को विद्यालय से पांच सौ मीटर की परिधि में रहना अनिवार्य है।

इस तरह से उपस्थिति दर्ज हो जाएगी। सभी प्रधानाध्यापक और शिक्षक अपने टैब या मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से ई-शिक्षाकोष एप डाउनलोड करेंगे। इसके बाद सभी प्रधानाध्यापक व शिक्षक अपने आईडी से ई-शिक्षाको एप पर लाग-इन करेंगे। जिनके पास आईडी नहीं होगा, वे प्रधानाध्यापक से संपर्क करेंगे।

पहले शिक्षकों की उपस्थिति देखने के लिए निरीक्षण कर्मी स्कूल खुलने और बंद होने के समय जाया करते थे। निरीक्षणकर्मी स्कूल पहुंच गए हैं और शिक्षक के गेट पर पहुंचते-पहुंचते एक से दो मिनट का समय लग जाता था और उन्हें निरीक्षण कर्मी अनुपस्थित मान लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

अब उन्हें सिर्फ स्कूल की व्यवस्था देखनी होगी। उन्हें यह देखना होगा कि स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं और स्कूलों को उपलब्ध कराए गए एफएलएन किट का प्रयोग हो रहा है या नहीं।

अब बिहार के इस जिले गई 39 बीपीएससी टीचरों की नौकरी, जाने फर्जीवाड़ा

शिक्षा विभाग की वेतन कटौती मामले में नालंदा जिला अव्वल

विम्स पावापुरी में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का टोटा, मरीजों की फजीहत

जानें Google क्या है और इसका सही इस्तेमाल कैसे करें

शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 1.0 का एक अजीबोगरीब फर्जीबाड़ा आया सामने

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
भयानक हादसा का शिकार हुआ तेजस्वी यादव का जन विश्वास यात्रा काफिला बिहार की गौरव गाथा का प्रतीक वैशाली का अशोक स्तंभ फुरसत के पलः हेमंत सोरेन का बाल-दाढ़ी संवारती दिखी कल्पना सोरेन इस ऐतिहासिक गोलघर से पूरे पटना की खूबसूरती निहारिए

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker