लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए भारत सरकार के एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी को तलब किया है।
कोर्ट ने रोहतगी से सवाल किया है कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य सांसद और सीएम-डिप्टी सीएम एक साथ कैसे रह सकते हैं।
अदालत ने यह आदेश समाजसेवी संजय शर्मा की याचिका पर दिया है। शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बतौर सांसद भी वेतन और अन्य सुविधाएं ले रहे हैं।
इसलिए वे उत्तर प्रदेश में पद पर नहीं रह सकते। मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी।
संजय शर्मा ने अपनी याचिका में संसद (अयोग्यता का निवारण) अधिनियम 1959 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा है कि इन प्रावधानों के तहत कोई भी एक व्यक्ति लाभ के दो पदों पर नहीं रह सकता है।
इन प्रावधानों के तहत संजय शर्मा ने योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है।
इन दोनों नेताओं ने 19 मार्च को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बता दें कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर और केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर सीट से सांसद हैं