पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। EOU’s big disclosure: बिहार आर्थिक अपराध इकाई पटना ने सिपाही बहाली पेपर लीक कांड का खुलासा कर दिया है। नीट पेपर लीक कांड, शिक्षक बहाली पेपर लीक कांड के बाद सिपाही बहाली पेपर लीक कांड का सरगना भी नालंदा के नगरनौसा का संजीव मुखिया उर्फ लूटना ही निकला है। तीनों पेपर लीक कांड में संजीव मुखिया गैंग शामिल है।
ईओयू ने इस मामले में ब्लेसिंग सेक्योर प्रिंटिंग प्रेस के डायरेक्टर कौशिक कर, लखनऊ के सौरभ बंदोपाध्याय, कोलकाता के सुमन विश्वास, नार्थ 24 परगना के संजय दास (तीनों कालटेक्स मल्टीवेंचर प्रेस के निदेशक) को 26 जून को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पूर्व ईओयू 5 जून को संजीव मुखिया गैंग के तीन जालसाज नालंदा के दीपनगर के अश्विनी रंजन उर्फ सोनी, नगरनौसा के विक्की कुमार और रोहतास के अनिकेत उर्फ बादशाह को गिरफ्तार की थी। तीनों की गिरफ्तारी के बाद ही कौशिक कर व उसके गैंग की पोल खुली और गिरफ्तारी हुई।
सूत्रों की माने तो केंद्रीय चयन पर्यद के तत्कालीन अध्यक्ष व पूर्व डीजीपी के साथ साथ पर्षद के कई अधिकारी जांच के घेरे में हैं। इन लोगो से ईओयू पूछताछ कर सकती है।
संजीव मुखिया ने नार्थ 24 परगना स्थित कौशिक प्रिंटिंग प्रेस के निदेशक के खाते में डलवाए लाखों रुपएः संजीव मुखिया को जब पता चला कि कौशिक कर ही सिपाही बहाली का प्रश्नपत्र छाप रहा है तब वह गिरोह के कुछ शातिरों के साथ कोलकाता पहुंच गया। 10 दिनों तक रेकी की।
इस दौरान उसने कालटेक्स प्रेस के निदेशक रहे सुमन विश्वास के साथ संबंध बनाया। गिरोह के दो शातिरों के खाते से सुमन के खाते में लाखों रुपए भेजवाए। सुमन की कंपनी ही कौशिक के प्रिंटिंग प्रेस को प्रश्नपत्र पैक करने के लिए इनवेलप, सिंगल यूज लॉक आदि की आपूर्ति करती है।
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