Home देश अब सुशासन बाबू खुद बोले- ‘मारकाट कोई रोक सकता है क्या’

अब सुशासन बाबू खुद बोले- ‘मारकाट कोई रोक सकता है क्या’

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। बिहार में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर विरोधियों के हमले से परेशान पहले डिप्टी सीएम का अपराधियों को पितृपक्ष के दौरान न करें क्राइम की नसीहत वाले विवादास्पद बयान के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मारकाट कोई रोक सकता है क्या?

गिरती कानून व्यवस्था को लेकर विरोधियों के हमले झेल रहे सीएम नीतीश कुमार श्रम विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि लड़ाई-झगड़ा, मार-काट कोई रोक सकता है क्या?

सीएम ने बातों ही बातों में विरोधी दलों को निशाना पर लेते हुए कहा कि कुछ लोगों की रूचि मार काट में ही रहती है। छिटपुट घटनाएँ होती रहती है। इसको थोड़े ही कोई रोक सकता है। इसी को लेकर लोग हल्ला मचा रहे हैं। जबकि उनकी सरकार आम लोगों की बेहतरी के लिए कई कल्याणकारी योजनाएँ चला रही है। बिहार की गिनती विकसित राज्यों में हो रही है। बिहार अब वह बिहार नहीं है। फिर भी लोगों को यह सब नहीं दिखता है। उन्हें मार काट ही दिखाई देता है।

श्रम विभाग ने बिहार के 19 युवाओं का चयन इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता के लिए हुआ है। इसी उपलक्ष्य में उनका उत्साह वर्धन करने के लिए युवाओं को पृरष्कृत करने का कार्यक्रम रखा था। जिसमें सीएम नीतीश कुमार कानून व्यवस्था को लेकर बिफरे दिखे।

सीएम नीतीश कुमार ने इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता के लिए चुने गए प्रतिभागियों को शुभकामना और बधाई देते हुए कहा कि आप जितना पढ़ लीजिये, अगर स्किल डेवलपमेन्ट नहीं है, तो बड़ी दिक्कत होगी। स्किल डेवलपमेन्ट में नेशनल अवार्ड या इंटरनेशनल अवार्ड जितने वालों को सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जब  रेल मंत्री थें तो बड़ी संख्या में  बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को नौकरी दी थी। श्रम विभाग के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि चार वर्षों में  एक  करोड़ लोगों को प्रशिक्षिति करने का लक्ष्य रखा गया है।

सीएम ने कहा कि आज कंप्यूटर बहुत जरूरी है। कंप्यूटर ज्ञान के बिना कोई काम नही मिलेगा। इसलिए हमने कुशल युवा कार्यक्रम में कंप्यूटर को रखा है। कुशल युवा कार्यक्रम में हमने लाखों युवाओं को 240 घंटे की ट्रेनिंग दी गयी है। हरेक जिले में महिला आइटीआइ और हरेक सबडिविजन में आइटीआइ बन गया है। हुनर कार्यक्रम सबसे पहले शुरू किया। हुनर से बिहार की महिलाएं हुनरमंद हुई हैं। आज गांवों में इससे खुशहाली आयी है।

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