एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। अमुमन हमारे जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अपनी संपति में ईजाफा करते हैं। दोगुनी, चौगुनी या आठ गुणी होती है। लेकिन नालंदा के जनप्रतिनिधियों की उम्र ही दुगनी बढ़ जाती है और निर्वाची पदाधिकारी उस प्रत्याशी को वैध मान लेते हैं। हो सकता है कि उनके संज्ञान में पूर्व के आकड़े न रहे हों। लेकिन पहले के डाटा ऑनलाइन उपलब्ध होने के बावजूद उसकी क्रास चेकिंग सवाल खड़ा तो करता ही है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं नालंदा लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाने को उतरे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के चहेते जदयू के राजग समर्थित प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार की। नालंदा में कल 19 मई को मतदान होने वाले हैं। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
वर्ष 2009 में जब उन्होंने लोकसभा का आम चुनाव लड़ा था तो उनकी उम्र 44 साल थी। उसके बाद जब उन्होंने वर्ष 2014 में लोकसभा का आम चुनाव लड़ा तो वे प्रकृति अनुकुल 49 वर्ष के हुए। लेकिन पिछले पांच वर्षों में उनकी उम्र 6 अधिक साल बढ़ गई। अभी वे 60 वर्ष के हैं। यानि पिछले 5 साल में वे पूरे 11 साल बड़े हुए हैं!
ये हम नहीं कहते, बल्कि खुद पूर्व व निवर्तमान सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने तीनों चुनाव में नामांकण दाखिल करते हुए अपनी शपथ पत्र में लिखा है। यह तीनों शपथ पत्र भारतीय निर्वाचन आयोग की साइट पर उपलब्ध है और ये सोशल मीडिया में वायरल भी खूब हो रहे हैं।
इस संबंध में तकनीकी जानकारी लेने के लिए नालंदा जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी से काफी प्रयास के बावजूद भी संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे में सबाल उठना लाजमि है कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी के सामने आगे क्या विकल्प है और भारतीय निर्वाचन आयोग के पास क्या एक्शन लेने के अधिकार हैं।