शिक्षा

बिहार में ACS केके पाठक खेल हुआ खत्म या CM नीतीश कुमार ने फेंका अपना पुराना पासा !

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। क्या पूरे बिहार शिक्षा विभाग को रेस करने वाले अपर मुख्य सचिव केके पाठक का खेल खत्म हो गया है या फिर अपने प्रिय आइएएस अधिकारी को और अधिक उर्जा प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना वहीं पुराना पासा फेंका है, जिसके लिए वे जाने जाते हैं।

बता दें कि केके पाठक ने सरकार के पास लंबी छुट्टी का आवेदन दिया था। अब उनकी छुट्टी का आवेदन स्वीकार करने के साथ ही मुख्यमंत्री के एक अन्य खास अधिकारी को विभाग का प्रभार दे दिया है। केके पाठक ने पूरे जून महीने के लिए छुट्टी मांगी थी। वे 3 जून से 30 जून तक अवकाश में रहेंगे।

हालांकि भीषण गर्मी में सरकारी स्कूलों में छुट्टी को लेकर केके पाठक का सरकार से विवाद हुआ था। भीषण गर्मी के कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी।

बाबजूद शिक्षा विभाग स्कूलों को बंद करने को तैयार नहीं हुआ। तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने खुद हस्तक्षेप कर सारे स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया, लेकिन केके पाठक ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी शिक्षकों को स्कूल आने का फरमान जारी कर दिया।

चूकि,अब केके पाठक शिक्षा विभाग का प्रभार संभालने के बाद कई दफे छुट्टी पर गए हैं। उनकी छुट्टी के दौरान विभाग में सचिव पद पर तैनात अधिकारी बैद्यनाथ यादव अपर मुख्य सचिव का प्रभार संभालते रहे हैं।

लेकिन, इस बार राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार सौंप दिया है। एस. सिद्धार्थ कैबिनेट विभाग के भी अपर मुख्य सचिव हैं।

वहीं, केके पाठक से सरकार की नाराजगी तब भी झलकी थी, जब शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद पर तैनात कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को सरकार ने एक्सटेंशन देने से मना कर दिया था।

कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव एक लंबे अरसे से केके पाठक के करीबी अधिकारी माने जाते थे। जब 31 मई को वे रिटायर हो रहे थे, उससे पहले केके पाठक ने उन्हें सेवा विस्तार देने का आग्रह सरकार से किया था, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई थी।

अब कयास है कि केके पाठक की शिक्षा विभाग से स्थायी छुट्टी तय हो गयी है। 4 जून तक चुनाव आचार संहिता लागू है। तब तक कोई भी ट्रांसफर पोस्टिंग करने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेना पड़ता है। सरकार इस फेरे में नहीं पड़ना चाहती थी। इसलिए 4 जून तक का इंतजार किया जा रहा है।

उसके बाद केके पाठक के ट्रांसफर का आदेश जारी होना तय है। केके पाठक ने लगातार मुख्यमंत्री के आदेश को भी नहीं माना है। राज्यपाल से उनका लगातार टकराव चल रहा है। राज्यपाल भी केके पाठक से काफी नाराज हैं। ऐसे में राज्य सरकार शिक्षा विभाग से उनकी परमानेंट विदाई का फैसला ले सकती है। सिर्फ आचार संहिता खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है।

शिक्षा विभाग की वेतन कटौती मामले में नालंदा जिला अव्वल

विम्स पावापुरी में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का टोटा, मरीजों की फजीहत

जानें Google क्या है और इसका सही इस्तेमाल कैसे करें

शिक्षक भर्ती परीक्षा TRE 1.0 का एक अजीबोगरीब फर्जीबाड़ा आया सामने

सीबीएसई ने एक साथ जारी की दो बड़ा रिजल्ट, देखें 10वीं और 12वीं का रिजल्ट

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
भयानक हादसा का शिकार हुआ तेजस्वी यादव का जन विश्वास यात्रा काफिला बिहार की गौरव गाथा का प्रतीक वैशाली का अशोक स्तंभ फुरसत के पलः हेमंत सोरेन का बाल-दाढ़ी संवारती दिखी कल्पना सोरेन इस ऐतिहासिक गोलघर से पूरे पटना की खूबसूरती निहारिए Naxalite bunker and camp demolished in forested hilly area of Jharkhand