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    Monday, October 14, 2024
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      सिंहभूमः जोबा माझी की प्रचंड जीत में छुपे हैं सीएम चंपाई सोरेन के लिए खतरे की घंटी

      चाईबासा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज / मुकेश भारतीय)। सिंहभूम लोकसभा चुनाव में इस बार मोदी की नांव पर सवार होने के बाबजूद गीता कोड़ा की राजनीति डूब गई है। वहीं यहां के चुनाव परिणाम में झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के लिए भी गंभीर खतरा के संकेत मिले हैं।

      बता दें कि सिंहभूम सीट से इंडिया गठबंधन की ओर से झामुमो प्रत्याशी जोबा माझी की प्रचंड जीत हुई है। उन्होंने एनडीए की गीता कोड़ा को 1 लाख 68 हजार 702 मतों के भारी अंतर से पराजित किया है। जोबा माझी को 5 लाख 20 हजार 164 मत प्राप्त हुए हैं, जबकि गीता कोड़ा को 3 लाख 51 हजार 462 मत मिले हैं। जिसमें पोस्टल बैलट भी शामिल है।

      यदि हम सिंहभूम चुनाव परिणाम का विश्लेषण करें तो सरायकेला विधानसभा को छोड़कर सभी विधानसभा में जोबा माझी को गीता कोड़ा की तुलना में काफी बढ़त मिली है। वहीं सरायकेला विधानसभा मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का विधानसभा है।

      इस विधानसभा में कुल 2 लाख 61 हजार 344 मत पड़े। इनमें 2 लाख 57 हजार 461 वैध वोट पाए गए। वहीं 3 हजार 883 वोट नोटा की भेंट चढ़ गई। यहां के सभी 431 बूथों से गीता कोड़ा को 1 लाख 18 हजार 773 मत मिले, जबकि जोबा माझी को 98 हजार 488 मत ही समेट पाई। सरायकेला के अलावे अन्य विधानसभा में गीता कोड़ा से जोबा माझी से आगे रहीं।

      इस चुनाव विश्लेषण में सबसे अहम सवाल यह है कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के गढ़ में गीता कोड़ा ने बढ़त हासिल किया। यानी कहीं न कहीं यह बढ़त आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को सतर्क करता है।

      हालांकि पिछले 20 सालों से इस सीट पर सीएम चंपाई सोरेन अपराजित रहे हैं। प्रचंड मोदी लहर में भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल किया है।

      मगर झारखंड के इतिहास के पन्नों को यदि पलटा जाए तो आपको जानकर हैरानी होगी कि मुख्यमंत्री रहते, जिसने भी विधानसभा चुनाव लड़ा है, उसकी हार हुई है। चाहे वह शिबू सोरेन हों या अर्जुन मुंडा हों या फिर रघुवर दास। सब मुख्यमंत्री रहते ढेर हुए हैं।

      अब चंपाई सोरेन इस मिथक को तोड़ तोड़ पाएंगे या नहीं, फिलहाल भविष्य के गर्त में हैं। लेकिन सिंहभूम लोकसभा चुनाव में सरायकेला विधानसभा से जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं, वह कहीं खतरे की स्वभाविक घंटी बजाती है।

      दरअसल, सरायकेला विधानसभा इलाके से कांग्रेस सांसद से अचानक भाजपा प्रत्याशी बनी गीता कोड़ा को कुल 20 हजार 488 मतों की बढ़त मिली है।  यह उलटफेर जेबीकेएसएस समर्थित प्रत्याशी दामोदर सिंह हांसदा करते दिख रहे हैं।

      दामोदर हांसदा को यहां से कुल 29 हजार 141 मत मिले हैं। इसमे झामुमो और बीजेपी दोनों के कुड़मी वोटर हैं, जिसने यहां का सारा समीकरण बिगाड़ कर रख दिया हैं।

      मतलब साफ है कि झामुमो और बीजेपी दोनों के लिए कुड़मी मतदाता अगले विधानसभा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वैसे गम्हरिया पूर्वी, राजनगर पूर्वी एवं पश्चिमी के अलावा सभी मंडलों में दामोदर हांसदा ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है।

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