मुजफ्फरपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के मुजफ्फरपुर जिला पारू प्रखंड अंतर्गत सरमस्तपुर गांव में पोखर के बीचो बीच बना भगवान सूर्यदेव का मंदिर वर्षों से आस्था का केंद्र है।
यहाँ मुजफ्फरपुर समेत सारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण जिले के श्रद्धालु भगवान भास्कर के दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग भी छठ पूजा करते हैं।
सात घोड़ों पर विराजमान भगवान सूर्य की मूर्ति जयपुर से मंगवाई गई थी। ओडिशा के कोणार्क से आए विशेष पत्थरों से इस मंदिर का निर्माण पोखर के बीचोबीच कराया गया था। मंदिर में लगे सफेद संगमरमर भी वहीं से मंगवाया गए थे।
लोक आस्था के महापर्व छठ पर मंदिर के पोखर में अर्घ्य देने के बाद भगवान सूर्य के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां सरमस्तपुर के अलावा आसपास के गांव ग्यासपुर, फतेहाबाद, चिंतामनपुर, मटिहानी, डुमरी, कोटवारा आदि के श्रद्धालु भी छठ पूजा करने हर साल आते हैं।
इस मंदिर का निर्माण पारू के पूर्व विधायक स्व. नीतीश्वर प्रसाद सिंह ने कराया था। उनके पुत्र डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बनारस से आए साधु-संतों ने कराई थी। इसको लेकर हुए कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया था।
वहीं, समापन पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पहुंचे थे। ग्रामीण मंदिर की देखरेख के साथ-साथ पूजा-अर्चना की जिम्मेदारी संभलते हैं।
उधर, पंचायत की मुखिया गायत्री सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, अशोक सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना, सवेंद्र कुमार पवन ने बताया कि मंदिर निर्माण कराने में दस वर्ष लगे थे।
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