22 अप्रैल, पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहार में कोरोना से लगातार हो रही मौतों के बीच पिछले कई दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी चल रही है।
कोरोना मरीजों को देने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है और परिजन इंजेक्शन के लिए अस्पताल से लेकर दवा दुकानों तक खाक छानते फिर रहे हैं। अब पटना के एनएमसीएच अस्पताल ने इसको लेकर बड़ा फैसला किया है।
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर विनोद सिंह ने आदेश निकाल दिया है कि कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपयोगिता नहीं है।
अधीक्षक ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का हवाला देते हुए सभी चिकित्सकों को आदेश दिया है कि अभी से कोई डॉक्टर कोविड मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लिखेंगे, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने इसकी उपयोगिता को नकार दिया है।
इस बात की पुष्टि रिसर्च में भी हो चुका है कि यह इंजेक्शन कोविड में कारगर नहीं है। इसके बावजूद इसे लेकर पैनिक क्रिएट हो रहा है और परिजन परेशान हो रहे हैं।
दरअसल, इस इंजेक्शन को लेकर लगातार बिहार में भी हाय तौबा मची हुई है और एक एक मरीज के लिए डॉक्टर 7 से 8 इंजेक्शन देने का पर्चा लिख रहे हैं।
दूसरी तरफ इंजेक्शन का मिलना मुश्किल है। इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी भी हो रही है। लोग 15 से 25 हजार रुपये में एक फाइल खरीद रहे हैं।
इससे पहले शोध में भी यह साबित हो चुका था कि इस इंजेक्शन की एआरडीएस रोकने में कोई भूमिका नहीं है। जबकि डाक्टरों की मानें तो यह इंजेक्शन ऑक्सीजन लेवल घटने यानि 90 से नीचे पहुंचने पर दी जाती है, ताकि मरीज की जान बचाई जा सके।