एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। वैज्ञानिकों ने चीन की एक 1100 साल पुरानी बुद्ध प्रतिमा को सीटी स्कैन किया है। प्रतिमा के सीटी स्कैन करने पर पता चला कि उसके अंदर ममी हैं।
इस प्रतिमा पर नीदरलैंड्स के ड्रेट्स म्यूजियम का मालिकाना हक है। फ़िलहाल प्रतिमा को बुडापेस्ट में रखा गया है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस ममी के अंदरूनी अंगों को निकाल दिया गया है और उसकी जगह पर कागज ठूंसे गए हैं। जिसपर प्रचीन चीनी अक्षरों में कुछ लिखा हुआ है।
यह मूर्ति पिछले साल से नीदरलैंड के ड्रेंट संग्राहलय में एक प्रदर्शनी में रखी गई है जिसका थीम है, ‘ममी: लाईफ बियॉन्ड डेथ।
यह पहली बार था जब इस मूर्ति को चीन के बाहर लाया गया। यह सेल्फ ममीफिकेशन या खुद को ममी में तब्दील कर देने का मामला है।
खुद को ममी बनाने की प्रक्रिया में चीनी बौद्ध भिक्षु पहले 1100 दिन तक केवल पानी और कुछ बीज पर जीवित रहते हैं। फिर कुछ जड़, पेड़ों की छाल खाकर अगले हजार दिन गुजारते हैं।
इस दौरान वे विशेष प्रकार की चीनी जहरीली शराब पीते हैं। अंत में उन्हें एक पत्थर के मकबरे में समाधि की अवस्था में चुनवा दिया जाता है।
इस दौरान वे छोटे से छेद के माध्यम से सांस लेते हैं और रोजाना एक घंटी बजाते हैं, ताकि सबको यह पता चलता रहे कि अभी वे जीवित हैं।एक बार जब घंटी बजनी बंद हो जाती है तो उन्हें इसी अवस्था में अगले 1100 दिन रखा जाता है।
प्रतिमा के अंदर की ममी लिउ क्वान की हैं, जो चायनीज मेडिटेशन स्कूल के सदस्य थे। शुरुआत जांच के बाद गहन अध्ययन के लिए प्रतिमा को मिएंडर मेडिकल सेंटर ले जाया गया था।
वहां फिर से कई बार सीटी स्कैन किया गया। जिसमें खुलासा हुआ कि अंदर ममी हैं, जिसके सारे अंग गायब हैं। शरीर में कई अनजान चीजे भी मिली है। उसका अधिकांश हिस्सा कागज के टुकड़े से भरा हैं। कागजों पर चीनी भाषा लिखी हैं।