पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से समूचे राज्य में ‘प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया’ यानि पीएमश्री योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत बिहार के 836 राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट कन्या माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी।
इस योजना के तहत, इन माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में चिन्हित मिडिल स्कूलों को मर्ज कर दिया जाएगा। इससे इन प्लस टू स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई एक ही शैक्षणिक एवं प्रशासनिक इकाई के तहत होगी।
शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने 836 चिन्हित स्कूलों की सूची जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार इन स्कूलों को मॉडल स्कूल का दर्जा दिया जाएगा और केंद्र व राज्य सरकार क्रमशः 60:40 के अनुपात में वित्तीय सहयोग करेंगी।
अब चिन्हित स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक को एक शैक्षणिक एवं प्रशासनिक इकाई माना जाएगा। इन विद्यालय परिसरों में सबसे नजदीकी मध्य विद्यालयों के कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यार्थियों और शिक्षकों को मर्ज किया जाएगा।
वहीं अगर मर्ज किए गए मध्य विद्यालयों में पूर्व से नियुक्त प्रधानाध्यापक मौजूद हैं तो उन्हें अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इन विद्यालयों के विकास कोष, छात्र कोष, समग्र शिक्षा योजना से जुड़ी निधियों और बैंक खातों का संचालन संयुक्त रूप से किया जाएगा।
कक्षा 1 से 5वीं तक की पढ़ाई के लिए अलग से प्राथमिक विद्यालय की इकाई बनाई जाएगी और इनके लिए अलग प्रधान शिक्षक का पद सृजित किया जाएगा।
वहीं कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई पहले से नियुक्त शिक्षकों द्वारा कराई जाएगी। शिक्षकों की अनुपलब्धता की स्थिति में कक्षा 9 से 12वीं तक के शिक्षक भी इन कक्षाओं का संचालन करेंगे। पीएम श्री योजना के तहत हर स्कूल को दो करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। जिससे विद्यालयों के इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशालाएं विकसित की जाएंगी। खेल के मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए शिक्षण पद्धति को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
बता दें कि यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप लागू की जा रही है, जिसका उद्देश्य शिक्षण को अधिक समावेशी, तकनीकी रूप से उन्नत और व्यावहारिक बनाना है। इस पहल से न केवल बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को आधुनिक संसाधनों से लैस एक समृद्ध शैक्षिक वातावरण भी मिलेगा।
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