पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा विरोध और नारों के बीच जारी है। रोहतास जिले के चेनारी गांव में जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए। उनका पुतला जलाया और बैनर पर साफ संदेश लिखा- ‘नीतीश कुमार की तानाशाही नहीं चलेगी’।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने यात्रा के पांचवें चरण में मल्हीपुर पंचायत भवन का निरीक्षण कर हेलीपैड की ओर बढ़ रहे थे, तभी गांव वालों ने नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि उनकी समस्याओं को सुना ही नहीं जा रहा है।
गांववालों का अहम सवाल है कि ‘अगर मुख्यमंत्री हमारी बात ही नहीं सुनेंगे तो यह कैसी प्रगति यात्रा है?’ सीएम के साथ इस दौरान उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय चौधरी, संतोष सिंह, जमा खां सहित कई मंत्री भी मौजूद थे।
रोहतास से पहले गया में भी मुख्यमंत्री को विरोध का सामना करना पड़ा। बोधगया में जब वे बतासपुर डैम का निरीक्षण कर रहे थे। तभी भीड़ से अचानक ‘लालू यादव जिंदाबाद’ के नारे लगने लगे। करीब 30 सेकेंड तक नारेबाजी होती रही। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की और नारे लगाने वाले लोग मौके से फरार हो गए।
इसके पहले 15 फरवरी को भोजपुर में AISA और RYA के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के काफिले को काले झंडे दिखाए। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने एक दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों में धक्का-मुक्की भी हुई।
विरोध करने वालों का कहना था कि वे अपनी 13 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा कई जिलों में पहुंच रही है। लेकिन लोगों के असंतोष का स्वर भी उतना ही बुलंद हो रहा है। सवाल ये उठ रहा है कि क्या सरकार जमीनी हकीकत से कट चुकी है या फिर प्रगति यात्रा महज़ एक राजनीतिक शो बनकर रह गई है? (पूरी खबर के लिए जुड़े रहें…)
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