पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। अब दूसरे राज्यों की महिला अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा के उत्तीर्णांक में पांच प्रतिशत की छूट नहीं मिलेगी। यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने एक सुनवाई के बाद पारित किया है। यह सुनवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा इब्तेशाम शाहीन बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में पटना उच्च न्यायालय के न्यायादेश के अनुपालन में की गयी है।
सुनवाई में आवेदिका इब्तेशाम शाहीन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या-27/2023 के तहत संस्कृत विषय में वर्ग 6-8 10 शिक्षकों की तक के विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु सफल घोषित करते हुए अरवल जिला आवंटित किया गया, लेकिन केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में 60 प्रतिशत से कम अंक होने के कारण काउंसलिंग रोक दी गयी।
आवेदिका का यह तर्क था कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या-27/2023 की विज्ञप्ति के पृष्ठ संख्या-5 में स्पष्ट लिखा है कि सामान्य कोटि की महिलाओं को सीटीईटी में 55 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है। चूंकि, आवेदिका को 89 अंक प्राप्त है, जो 55 प्रतिशत से अधिक है, जो सामान्य महिला कोटि के अंतर्गत निर्धारित योग्यता धारण करती है।
आवेदिका ने काउंसलिंग कराते हुए नियुक्ति पत्र निर्गत करने का अनुरोध किया। यह सुनवाई 24 अप्रैल को हुई थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा 15 मई को पारित आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का अवलोकन किया गया। आवेदिका का निवास स्थान बिहार राज्य से बाहर उत्तर प्रदेश में है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आहूत केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की अधिसूचना में स्पष्ट है कि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों को 60 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने पर उन्हें योग्य घोषित किया जायेगा। उसी प्रकार सामान्य वर्ग की महिला को 60 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्त करने पर उन्हें योग्य घोषित किया जायेगा।
अधिसूचना में यह भी अंकित है कि विद्यालय प्रबंधन राज्य सरकार की आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं निःशक्त व्यक्तियों को छूट दे सकेगी।
बता दें कि बिहार राज्य में महिलाओं को शिक्षक नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण देय है। इसी के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य कोटि की महिला उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं नि:शक्त कोटि के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा भी यह प्रावधानित है कि ‘राज्य के मूल निवासी ही बिहार अधिनियम- 3, 1992 के अधीन राज्य में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। राज्य के बाहर के निवासी इस अधिनियम के अधीन आरक्षण के लाभ हेतु दावा नहीं करेंगे।
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